भिंड।(www.arya-tv.com) प्रदेश में 15 वर्ष बाद मिली सत्ता को 15 माह में गंवाने के बाद कांग्रेसी खेमे में उपचुनाव हार के बाद भी सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। पार्टी में अब नेता प्रतिपक्ष पद के लिए तलवारें तनती नजर आ रही हैं। भिंड में कांग्रेस जिलाध्यक्ष की ओर से लहार विधायक व पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह को छह वर्ष के लिए निष्कासित करने का प्रस्ताव इसकी ही कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि डॉ. सिंह का नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर पहुंचने से रोकने के लिए कांग्रेस के ही आला नेताओं की शह पर यह हुआ है। नेता प्रतिपक्ष का पद फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के पास ही है। दो पदों में से एक ही पद रहने के संकेत देख कमल नाथ अपने नजदीकी को यह कुर्सी सौंपना चाहते हैं। इसमें पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और विजयलक्ष्मी साधौ सहित कुछ और भी नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन डॉ. सिंह की सहमति नहीं थी
। उपचुनाव के समय नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर बगावत के हालात बने तो कमल नाथ ने यह पद अपने पास ही रख लिया था। विधायक डॉ. सिंह के समर्थक व प्रदेश कांग्रेस के महासचिव खिजर कुरैशी का कहना है कि लहार विधायक प्रदेश में सबसे सीनियर हैं। वे नेता प्रतिपक्ष के प्रबल दावेदार हैं। उन्हें रोकने क लिए ही यह नाटक है।