- पी.एम. स्वनिधि योजना में नगर निगम लखनऊ को यूपी में द्वितीय स्थान मिला
- रंग लायी नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी की मेहनत,उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया
(www.arya-tv.com) प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पी.एम. स्वनिधि) योजना के अंतर्गत उत्कृष्ठ प्रदर्शन पर मंत्री नगर विकास द्वारा लखनऊ नगर निगम को सम्मानित किया गया।
- सर्वाधिक पंजीकरण, सर्वाधिक प्रमाण पत्र एवं सर्वाधिक ऋण वितरित करने वाले निकायों को सम्मानित किया गया
उ.प्र. नगरीय निकाय निदेशालय सभागार, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री नगर विकास विभाग, उ.प्र. शासन द्वारा उ.प्र. पथ विक्रेता नियमावली 2017 के प्राविधानों के अंतर्गत पथ विक्रेताओं का सर्वाधिक पंजीकरण, सर्वाधिक प्रमाण पत्र एवं सर्वाधिक ऋण वितरित करने वाले निकायों को सम्मानित किया गया।
- नगर निगम को ऋण वितरण श्रेणी में उत्तर प्रदेश में द्वितीय स्थान, पंजीकरण में तृतीय स्थान एवं प्रमाण पत्र वितरण में चतुर्थ स्थान पर आने पर सम्मानित किया गया
समारोह में लखनऊ नगर निगम को ऋण वितरण श्रेणी में उत्तर प्रदेश में द्वितीय स्थान, पंजीकरण में तृतीय स्थान एवं प्रमाण पत्र वितरण में चतुर्थ स्थान पर आने पर सम्मानित किया गया। मंत्री द्वारा प्रदान किए जाने वाले सम्मान को नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी द्वारा ग्रहण किया गया।
इस कार्यक्रम के अवसर पर योजना के क्रियान्वयन के संबंध में अवगत कराते हुए बताया गया कि कोविड-19 महामारी और लम्बी अवधि के लॉकडाउन के कारण पथ विक्रेताओं की आजीविका पर अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ा। पथ विक्रेता जो कि खोमचे वाले, ठेले वाले, रेहड़ी पटरी दुकानदार सब्जियां, फल, तैयार स्ट्रीट फूड, चाय, पकोड़े, ब्रेड, वस्त्र, जूते-चप्पल, शिल्प से बने सामान, किताबे/लेखन सामग्री व अन्य नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री इत्यादि सेवाएं देने वाले शामिल है, और काफी कम धनराशि से अपना व्यवसाय करते रहे है उनकी पूंजी समाप्त होने के कारण अत्यंत समस्या का सामना करना पड़ा।
ऐसी स्थिति में आवश्यकता के समय नगर निगम लखनऊ द्वारा लॉकडाउन की अवधि में भी युद्धस्तर पर कार्य करते हुए भारत सरकार की पी.एम. स्वनिधि योजना को नगर निगम लखनऊ द्वारा पूर्ण मनोयोग एवं परिश्रम के साथ लखनऊ शहर में क्रियान्वित किया गया। पी.एम.स्वनिधि योजना पथ विक्रेताओं की समस्याओं को दूर करने अत्यंत सहायक सिद्ध हुई।
योजना में ऐसे पथ विक्रेताओं को शामिल किया गया है जो 24 मार्च, 2020 को एवं इससे पूर्व शहरी क्षेत्रों में वेडिंग कर रहे थे। तत्समय लखनऊ नगर निगम में लगभग 11 हजार पथ विक्रेता पंजीकृत थे। योजना से अधिक से अधिक पथ विक्रेताओं को लाभान्वित के उद्देश्य पर वृहद स्तर पर पंजीकरण की कार्यवाही की गयी। लेटर ऑफ रिकमेंडेशन के माध्यम से ऐसे पथ विक्रेताओं को भी सम्मिलित किया गया जो सर्वेक्षण में छूट गये।
- 41476 पथ विक्रेताओं का पोर्टल पर पंजीकरण किया गया जो उ.प्र. प्रदेश तथा पूरे देश में सर्वाधिक है
योजना लागू होने के पश्चात अत्यंत अभियान चलाकर 41476 पथ विक्रेताओं का पोर्टल पर पंजीकरण किया गया जो उ.प्र. प्रदेश तथा पूरे देश में सर्वाधिक है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नगर निगम लखनऊ द्वारा 55 टीमें गठित की गयी जिनको लैपटाप व अन्य सहायक संसाधन प्रदान करते हुए कार्यालय के साथ-साथ कैम्प लगवाते हुए रजिस्ट्रेशन का कार्य कराया गया।
- कुल 15692 को ऋण अवमुक्त किया गया
अधिक से अधिक संख्या में पथ विक्रेताओं को योजना का लाभ दिलाने के लिए नगर निगम द्वारा नियमित रूप से योजना के कार्यो की समीक्षा की गयी तथा विशेष रुचि लेकर योजना बनाते हुए वृहद स्तर पर प्रयास किये गये। डूडा तथा नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों का समन्वय स्थापित किया गया। विशेष टीमों में नगर निगम के कर्मचारियों के साथ चैम्पियंस को भी उक्त कार्य के लिए विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया तथा सभी 8 जोनो के बाजारों में कैम्प लगाकर तत्काल पंजीकरण कराये गये जिसके फलस्वरूप दिनांक 27.10.2020 तक उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए 41476 आवेदन जिनमें से 20142 को स्वीकृति प्रदान की गयी तथा कुल 15692 को ऋण अवमुक्त किया गया। इस प्रकार एक माह में नये 15427 ऋण अवमुक्त कराये गये।
योजना में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ बैंकों से समन्वय में आ रही कमियों को दूर करने के लिए नगर निगम द्वारा बैंको से वार्ता करते हुए लम्बित ऋण आवेदनों को तीव्र गति से प्रोसेस कराया गया। नगर निगम लखनऊ के अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रत्येक बैंक शाखाओं में तैनात किया गया जिससे प्रपत्रों को पूर्ण कराया गया जिससे शीघ्रता से ऋण अवमुक्त हुए। अभियान को अथक रूप से अवकाश के दिनों में भी जारी रखा गया। उपरोक्त प्रयासो के फलस्वरूप योजना का सफल क्रियान्वयन करते हुए पथ विक्रेताओ को लाभान्वित किया गया।