नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस केस में सीबीआई जांच की मांग की है। मायावती ने कहा है कि इस जांच की शुरुआती रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगती है, साथ ही इस कांड को लेकर पूरे देश में जबर्दस्त आक्रोश है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई या फिर सुप्रीम कोर्ट निगरानी में होनी चाहिए।
आपको बता दें कि हाथरस में पीडि़ता के साथ कथित तौर पर हुए गैंगरेप और उसकी हत्या के मामले की जांच यूपी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कर रही है। बीएसपी अध्यक्ष ने इस जांच पर भरोसा नहीं जताया है।
उन्होंने ट्वीट कहा, हाथरस जघन्य गैंगरेप कांड को लेकर पूरे देश में जबरदस्त आक्रोश है, इसकी शुरूआती आई जांच रिपोर्ट से जनता सन्तुष्ट नहीं लगती है। अत: इस मामले की सीबीआई से या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए, बी.एस.पी. की यह मांग है।
मायावती ने इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से दखल देने की मांग की है और कहा है कि वे पीडि़ता के परिवार को इंसाफ दिलाएं। मायावती ने ट्वीट किया, देश के माननीय राष्ट्रपति यू.पी. से आते हैं, व एक दलित होने के नाते भी इस प्रकरण में खासकर सरकार के अमानवीय रवैये को ध्यान में रखकर पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने के लिए दखल देने की भी उनसे पुरज़ोर अपील है।
मुख्यमंत्री योगी ने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी श्री राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जगवीर सिंह, हेड मोर्हिरर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस का नया एसपी बनाया गया है।
इस मामले में शुक्रवार को एसआईटी ने अपनी पहली रिपोर्ट जारी की है। इसके अलावा इस मामले से संबंधित सभी पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट भी किया जाएगा। शुक्रवार को बलरामपुर और आजमगढ़ की घटनाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा, उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा, जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यह हमारा संकल्प है- वचन है।
