नई दिल्ली।बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बुधवार को अखिरकार अदालत का फैसला आ गया। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में जो हुआ उस पर सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।
बाबरी विध्वंस मामले में बुधवार को फैसला आने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए गए हैं। पुलिस सतर्क है। कहीं कोई उपद्रव न हो इसके लिए सबको अलर्ट पर रखा गया है। 6 दिसंबर 1992 को जो कुछ हुआ उस पर सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया।
पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत इस मामले में कुल 32 लोग आरोपी थे जिन्हें आज की तारीख का इंतज़ार था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुना फैसला
पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कोर्ट नहीं पहुंचे । उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फैसला सुना। राम विलास वेदांती, साध्वी ऋतंभरा कोर्ट पहुंची। कोर्ट के अंदर 16 कुर्सियां लगाई गई थीं।
कोर्ट पहुंचे ये नेता
लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान को छोड़कर अन्य सभी 26 अभियुक्त अदालत में मौजूद रहे।
