कोरोनाकाल में हृदय रोगों के मामले 20% बढ़े, लक्षणों को नजरअंदाज किया तो नौबत सर्जरी तक पहुंची

Health /Sanitation Uncategorized

(www.arya-tv.com)कोरोनाकाल में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 20 फीसदी तक बढ़े हैं। ज्यादातर मरीज हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। कोरोना के डर से हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। नतीजा, सर्जरी की नौबत आ रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हार्ट के ऑपरेशन्स टाले जा सकते हैं।

आज वर्ल्ड हार्ट डे, इस साल की थीम है ”यूज हार्ट टू बीट कार्डियो वेस्कुलर डिसीज”। इस मौके पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल और नानावटी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशांत पाटिल बता रहे हैं कोरोनाकाल में हार्ट को कैसे हेल्दी रखें…

72 साल की महिला के मामले से समझें क्यों अलर्ट रहना जरूरी
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं, कोरोनाकाल में इमरजेंसी यूनिट में हार्ट अटैक के मामले कम आ रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज अस्पताल आने से डर रहे हैं। इसलिए घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। अगर हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में देरी न करें। एक ऐसा ही मामला हमारे पास आया, इससे खतरे को समझा जा सकता है।

हाल ही में फरीदाबाद की 72 साल की महिला हार्टअटैक के बाद अस्पताल पहुंची। वह पिछले 12 घंटे से सीने में जलन को अनदेखा कर रही थी। कोरोना के डर के कारण वह अस्पताल आने से बचती रही। कुछ घंटों बाद स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया।

हॉस्पिटल में जांच हुई। रिपोर्ट में सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण दोनों हार्ट चैम्बर को अलग करने वाली दीवार फट गई थी। इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ा और यूरिन आउटपुट होने के कारण किडनी भी फेल हुई। तीन दिन तक कार्डियक सपोर्ट पर रखने के बाद 5 घंटे तक उसकी बायपास सर्जरी हुई।

डॉ. मुकेश के मुताबिक, अगर परेशानी की शुरुआत होते ही उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है तो सर्जरी तक नौबत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में हालत अगर अधिक बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल लाया जाता है तो मरीज़ को आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लान्ट भी कराना पड़ सकता है।

सर्जरी से बचने के लिए हृदय रोगी ये ध्यान रखें

सर्जरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, हृदय रोगी अपनी दवाएं और ट्रीटमेंट न बंद करें। घर में रहते हुए ही खुद को फिजिकली एक्टिव रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। घर में कोई बाहरी शख्स आता है सीधेतौर पर उसके सम्पर्क में न आएं।