(Arya Tv Lucknow) Shivam:
किसानों की समस्या को हल करने के लिए सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य् रखा है।
आये दिन कर्ज में डूबे किसानों की मौत की ख़बरें मिलती रहती है जिसकी वजह यह है की कृषि घाटे का सौदा बन गया है. भारत में लगभग 80 फीसदी किसान छोटे या सीमांत किसान है जिनके पास एक एकड़ से भी कम कृषि भूमि है| छोटे किसानों की उत्पाद लागत बढ़ जाती है और मूल्य कम ही मिल पाता है और इन्हें घाटे का सामना करना पड़ता है.
इसका कारण यह है कि भारतीय कृषि मानसून आधारित कृषि है जिसमें पानी की वजह से फसल पर दुष्प्रभाव पड़ता है.
सरकार ने कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग के राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया है। इस समिति को किसानों की आय दोगुनी करने से जुड़े मुद्दों पर गौर करने और वर्ष 2022 तक सही अर्थों में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रणनीति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अक्सर किसान की फसल ख़राब होने के कारण वह कर्ज में फंस जाता हैं और भूमी को बेच कर कर्ज उतारता है और वह भूमिहीन हो जाता है.
वर्तमान में समिति द्वारा तैयार किए गए ‘वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए रणनीति’ के 13 मसौदा खंडों को इस विभाग की वेबसाइट (http://agricoop.nic.in/doubling-farmers) पर अपलोड किया गया है, ताकि आम जनता की राय जानी जा सके।
‘कृषि-2022 – किसानों की आय दोगुनी करना’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री ने किसानों की आय बढा़ने के लिए चार पहलुओं का उल्लेखन किया था जिनमें कच्चे माल की लागत कम करना, उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना, फसलों की बर्बादी रोकना और आमदनी के वैकल्पिक स्रोत सृजित करना शामिल हैं।
इसके अलावा नए बिजनेस मॉडलों के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने को प्रदर्शित करने और किसानों को मुश्किलों से राहत दिलाने के लिए एक कार्यदल का गठन किया है।