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नहीं थम रहा गल्ला मंडी में राशन कार्ड के चावल बिकने का दौर

Lucknow UP
  • व्यापारी भर रहे गोदाम जिम्मेदार मौन

  • कागजों पर होगी धान खरीद मंडी के चावल से होगी चावल की आपूर्ति

  • फ्री का राशन लेने वालो के दरवाजे पर लिखा जाए ,,हम गरीब है,,

सीतापुर. प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आदेश किया कि कोरोना महामारी के दौरान कोई गरीब भूखा न रहे भले ही कोई गरीब भूखा न रहा हो लेकिन अमीरो का पेट आज तक नही भरा उसी का फायदा उठाते हुए आर्थिक रूप से संपन्न लोगो ने तिकड़म से अपना राशन कार्ड बनवाने में कामयाबी हासिल की और राशन कार्ड पर 5 किलो प्रति यूनिट के हिसाब से चावल ले रहे हैं उसी चावल को ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में बेचकर बिचैलियों द्वारा सीधे मंडी पहुंचाया जा रहा है जहां से व्यापारी अपना गोदाम भर रहे हैं यही चावल फर्जी धान खरीद दर्शा कर धान खरीक ककी तिथि पूर्ण होने के बाद सीधे सरकार को सप्लाई किया जाएगा।

बताते चलें कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश के मुखिया ने आदेश जारी कर खाद्यान्न विभाग को निर्देश दिया कि किसी भी दशा में कोई भूखा न रहने पाए परिणाम स्वरूप सभी राशन कार्ड धारकों को 5 किलो गेहूं 5 किलो चावल मुफ्त में दिया जाने लगा राशन कार्ड बनाने की लचर नीति के कारण जिला पूर्ति कार्यालय से मिलीभगत कर उन लोगों ने राशन कार्ड बनवाने में महारत हासिल की जो आर्थिक रूप से संपन्न है जिनके पास चार पहिया वाहन है जानकार बताते है कि कई तो ऐसे कार्ड धारक हैं जिनके पिता सरकारी नौकरी में है या फिर वह आर्थिक रूप से संपन्न है जबकि दूसरी ओर गरीब और असहाय राशन कार्ड बनवाने में कोशो दूर हैं।

ऐसे में खूब जमकर सरकार के द्वारा दिए गए आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए जिला पूर्ति कार्यालय की मिलीभगत से कई संपन्न और ताकतवर लोगों ने राशन कार्ड बनवाने में सफलता हासिल की वही जनपद में सैकड़ों लोग जिला पूर्ति कार्यालय के लगातार चक्कर लगाते हैं उनको राशन कार्ड नहीं मिल पा रहा है वहीं दूसरी ओर फ्री में मिला चावल खुलेआम बाजारों में बेचा जा रहा है। वही माल मंडी में पहुंच रहा है जिससे धान मिल वाले खरीद कर अपनी गोदामों में भर रहे हैं अभी कुछ दिन के बाद जब धान की खरीद शुरू होगी और उसी धान की खरीद से धान की कुटाई कर चावल की प्रतिपूर्ति की जानी होगी तो इसी चावल की सप्लाई पुनः खाद्यान्न विभाग को की जाएगी और बिचैलियों और नौकरशाह अपना अपना हिस्सा बांट लेंगे क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है की मंडी में आ रहे चावल की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं है लेकिन जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है कोई भी इस बाबत संज्ञान लेने को तैयार नहीं है।

क्या कहते हैं समाजसेवी
इस बाबत कुछ ऐसे लोगों से बात की गई जो कोरोना महामारी के दौरान गरीबों में भोजन वितरण करने का कार्य करते रहे हैं और आज भी उनकी मंशा रहती है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सुने पाए ऐसे कई लोग संपर्क में आए जिनका कहना था की जो लोग संपन्न है उन्हें राशन नहीं लेना चाहिए और यदि वह किसी प्रकार उसे प्राप्त करने में महारत हासिल करते हैं तो उसे गरीबों में बांट देना चाहिए वहीं सरकार से उन्होंने मांग की कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर जो बाजार में चावल बिक्री करते हुए पाए जाएं उनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत करा कर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की जानी चाहिए तभी इस मामले पर अंकुश लगाया जा सकता है