कोरोना का खतरा किसे ज्यादा:डायबिटीज के मरीज 30 दिन की दवा रखें

Health /Sanitation
  • किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी होने पर डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोवाइडर की सलाह तुरंत लें
  • बीमारियों से जूझ रहे मरीज किसी भी हालत में अपनी दवाइयां लेते रहें और ट्रीटमेंट को बंद न करें

(www.arya-tv.com)पूरी दुनिया कोरोनावायरस से प्रभावित है। जो आबादी संक्रमण से दूर है, वो मास्क और हाइजीन जैसे उपायों के जरिए बचने की कोशिश कर रही है। यह वायरस किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है, लेकिन कुछ खास मेडिकल कंडीशन ऐसी हैं, जहां इनसे ग्रस्त लोगों को संक्रमण से खतरा ज्यादा है। कोविड 19 एक नई बीमारी है और एक्सपर्ट्स के पास इससे जुड़ी बहुत ही सीमित जानकारियां हैं।

इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कोविड 19 से गंभीर बीमारी होने का जोखिम ज्यादा है। मेडिकल कॉम्प्लैक्सिटी, न्योरोलॉजिक, जैनेटिक, मेटाबॉलिक परेशानियों या कॉन्जेनिटल हार्ट डिसीज से जूझ रहे बच्चों को दूसरे बच्चों की तुलना में कोविड 19 से गंभीर बीमारी होने का जोखिम ज्यादा है। कोविड 19 से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, लोगों से जितना हो सके कम से कम मुलाकात करें और अगर बातचीत कर रहे हैं तो सावधानियां बरतें।

अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो किन बातों का रखें ध्यान?

  • दवाइयों को जारी रखें: अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो अपनी दवाइयों को लेकर सजग रहें और ट्रीटमेंट जारी रखें। इसके अलावा अगर आपके लक्षण बिगड़ रहे हैं तो सुरक्षित रहकर डॉक्टर से संपर्क करें। इस वक्त कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ऑनलाइन कंसल्टेंसी दे रहे हैं।
  • कम से कम 30 दिन की सप्लाई रखें: इस दौरान घर से निकलना सुरक्षित नहीं है, क्योंकि आप नहीं जानते कि घर से निकलने के बाद आप कितने लोगों के संपर्क में आएंगे। ऐसे में अपने डॉक्टर से संपर्क कर दवाइयों का कम से कम 30 दिन का स्टॉक अपने पास रखें।

अलग-अलग मेडिकल परेशानियों के लिए क्या हैं उपाय?

1. अस्थमा-

  • स्टेरायड्स के साथ इनहेलर्स समेत दवाओं को जारी रखें। इनहेलर का उपयोग करना सीख लें और अस्थमा को बढ़ाने वाली चीजों से दूर रहें।
  • आपका कमरा घर का वो ही सदस्य साफ और डिसइंफेक्ट करे, जिसे अस्थमा नहीं है। इस दौरान अस्थमा के मरीज कमरे में न रहें। ऐसे डिसइंफेक्टेंट का उपयोग न करें जो अस्थमा को बढ़ा दें। सफाई के दौरान खिड़कियों या दरवाजों को खोल दें और पंखा चला दें। डिसइंफेक्टेंट के लेबल वाले निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और सीधा सतह पर छिड़कने के बजाए प्रोडक्ट को क्लीनिंग टॉवेल या पेपर टॉवेल पर डालें।

अस्थमा एक्शन प्लान के जरिए बीमारी को नियंत्रित करें। जानिए क्या है अस्थमा कंट्रोल प्लान-
अस्थमा के मरीजों को अपने-अपने एक्शन प्लान की जरूरत होती है। डॉक्टर के साथ मिलकर अपना खुद का प्लान तैयार करें। आपका मकसद है अस्थमा अटैक से बचना और उन्हें कंट्रोल करना। एक्शन प्लान तैयार करते समय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के “तीन जोन- ग्रीन जोन, यलो जोन और रेड जोन” को शामिल करें। ग्रीन जोन का मतलब है आपकी हालत अच्छी है, यलो का मतलब है स्थिति बिगड़ने लगी है और रेड का मतलब होता है कि आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है।

2. कैंसर-

  • अपनी हालत, इलाज और इलाके में ट्रांसमिशन के स्तर के आधार पर अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से बात करें।
  • बिना एक्सपर्ट की सलाह लिए न ही दवाई लेना बंद करें और न ही ट्रीटमेंट प्लान को बदलें। साथ ही लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट या इमरजेंसी केयर में देर न करें।

3. क्रोनिक किडनी बीमारी-

  • हेल्थ केयर टीम से लगातार संपर्क में बने रहें। खासतौर से तब जब आपकी बीमारी के लक्षण बिगड़ने लगें। अगर आपके पास खाना या दवाई नहीं है तो उन्हें इस बात की जानकारी दें। अपने पास खाने की चॉइस रखें जो आपकी किडनी डाइट को फॉलो करने में मदद कर सके।

अगर आप डायलिसिस पर हैं तो:

  • अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं तो डायलिसिस क्लीनिक से संपर्क करें। अपना कोई भी ट्रीटमेंट न छोड़ें।
  • अगर आप अपना नॉर्मल ट्रीटमेंट शेड्यूल फॉलो नहीं कर पा रहे हैं तो डाइट प्लान को बनाए रखने के लिए पर्याप्त खाना साथ रखें।

4. डायबिटीज-

  • टाइप 2 डायबिटीज आपके कोविड 19 के कारण गंभीर बीमारी के जोखिम को बढ़ा देती है। सीडीसी के अनुसार, जितना हम अभी तक जानते हैं उस हिसाब से टाइप 1 या गेस्टेशनल डायबिटीज जोखिम बढ़ा सकती है। इस दौरान अपनी डायबिटीज पिल और इंसुलिन को जारी रखें। ब्लड टेस्ट करें और अपने रिजल्ट्स का ध्यान रखें।