धांधली में फंसा सौ कराेड़ का प्रोजेक्ट, 3 बार शुरू हुई जांच, नतीजा जीरो

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(www.arya-tv.com) 100 कराेड़ रुपए खर्च हाेने के बाद भी ककराेई में बनाया गया 25 एमएलडी का एसटीपी आज तक अपनी पूरी क्षमता पर नहीं चल पाया है। इसके लिए बिछाई गई बड़ी सीवरेज लाइन धांधली की वजह से जमीन में धंस गई। बार बार टेंडर लगाकर दुरुस्त करने के प्रयास हुए लेकिन सात साल बाद भी सही नहीं हो पाई। तीन बार इसकी जांच के निर्देश हुए पर नतीजे तक नहीं पहुंची। अब सीएम फ्लाइंग ने इसका रिकॉर्ड तलब किया है। जांच पूरी कर कार्रवाई हुई तो लापरवाही या संलिप्तता की गाज तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी गिर सकती है।

पब्लिक हेल्थ हेड क्वाटर से जाे लेटर जारी किया गया है, उसमें केवल ककराेई चुंगी से आगे की ही सीवर लाइन नहीं बल्कि महलाना राेड गाेहाना राेड पर भी डाली गई सीवर पाइप लाइन में धांधली की आशंका जताई गई है। बकायदा ठेकेदाराें के नाम और खर्च किए गए अमाउंट का भी जिक्र है। इसकी जांच संजीदगी से करने का निर्देश दिए गए हैं। मामले से जुड़ा अब काेई भी अधिकारी या कर्मचारी इस डिवीजन में इस वक्त नहीं है। किसी का ट्रांसफर हाे गया ताे किसी का प्रमाेशन।

न लोगों को मिलता इसका फायदाशहर में राठधना रोड पर 25 एमएलडी का एसटीपी है। गोहाना रोड इलाके का पानी यहां तक लाने में काफी दिक्कत होती है। जिसके लिए यह एसटीपी बनाया गया।

यह है पूरा प्रोजेक्ट : जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष-2013 में ककराेई में 25 एमएलडी का एसटीपी बनाने का कार्य शुरू किया गया था। तत्कालीन एसई ने इसका डिजाइन तैयार किया और टेंडर अलाट कर कार्य शुरू कर दिया। शहर से एसटीपी तक मेन सीवर पाइप लाइन काे 35 फीट नीचे दबा दिया गया। जमीन के अंदर गहराई ज्यादा हाेने के कारण इसकी फिजिकल वैरीफिकेशन नहीं हाे पाई। गोहाना रोड इलाके में करीब 20 किमी सीवर लाइन दबाई है। दो साल में पूरा कार्य करने का लक्ष्य रखा गया था। एसटीपी तो बन गया, लेकिन सीवर लाइन डैमेज हो जाने के कारण आज तक यह सही नहीं हो पाया।

सीएम फ्लाइंग ने तलब किया रिकॉर्ड
सीएम फ्लाइंग की तरफ से एसटीपी और सीवरेज लाइन के कार्य का रिकॉर्ड मुख्यालय स्तर पर तलब किया है। इसपर संबंधित रिपाेर्ट एसई से मांगी गई है। इसमें कई रिपाेर्ट का जिक्र किया गया है। जब अधिकारियाें और गुप्तचर शाखा ने भ्रष्टाचार की बात स्वीकारी ताे आखिरकार कार्रवाई क्याें नहीं की गई। विजिलेंस द्वारा जारी चीफ इंजीनियर जनस्वास्थ्य विभाग काे इस पत्र के साथ पहले की शिकायत रिपोर्ट भी संलग्न की है।

सीआईडी ने 2015 में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी
सीआईडी साेनीपत ने 2015 में सीवर लाइन में हुए घपले की जांच रिपाेर्ट सबमिट की थी। जिसमें मेसर्ज बालाजी और जगदीश दहिया ठेकेदार पर आराेप है कि सीवर पाइप लाइन के नीचे प्रस्तावित 18 इंच का बेड नहीं बनाया। मेनहाेल भी गलत तरीके से बनाया गया। मेनहाेल के लिए प्रस्तावित कंक्रीट के स्थान पर ईंटाें का प्रयाेग किया गया। जिससे कराेड़ाें रुपए का नुकसान हाे गया।
नतीजा: रिपाेर्ट सब्मिट होने के बाद भी किसी पर काेई कार्रवाई नहीं हाे सकी।

पुलिस महानिदेशक सीआईडी ने भी लिखा
मामले की जांच से आधारित रिपाेर्ट सीआईडी के पुलिस महानिदेशक ने जनस्वास्थ्य विभाग के एसीएस काे लिखा कि भ्रष्टाचार के दाेषियाें पर कार्रवाई की जाए। उन्हाेंने अपने स्पष्ट शब्दाें में लिखा कि यह एक सुनियाेजित तरीके से किया गया है। जिसके कारण जनता काे परेशानी सामना करना पड़ रहा है। इसलिए दाेषियाें पर कार्रवाई की जाए।

नतीजा: काेई जवाब नहीं दिया।

ग्रीवेंसेज कमेटी में हुई शिकायत तत्कालीन कैबिनेट मंत्री और ग्रीवेंसेज कमेटी के चेयरमैन कृष्णलाल पंवार ने जांच के लिए उच्च अधिकारियाें काे नियुक्त किया। मामले की जांच गंभीरता से हुई ही नहीं। दरअसल जांच में तत्कालीन अधिकारियों पर भी गाज गिरने की संभावना है। अधिकारियों के लिए यह लाइन गले की हड्डी बनी है तो शहर वासियों के लिए आफत। ऐसे में जांच सिरे ही नहीं चढ़ी।

नतीजा : सरकार का कार्यकाल बीत गया, लेकिन कुछ भी नहीं हाे सका।

दाे एजेंसियाें पर बेड नहीं बनाने का आराेप
महलाना चाैक से ककराेई चुंगी नंबर सात तक मैसर्स बालाजी बिल्डर्स माॅडल टाउन द्वारा कार्य किया गया। जिसकी अनुमानित लागत दाे कराेड़ 71 लाख 38 हजार रुपए थी। बिल्डर्स द्वारा सीवर पाइप लाइन के नीचे 18 इंच का कंकरीट का बेड बनाया जाना था। साथ ही इस बीच जाे सीवर मेनहाेल बनाए गए हैं, वह सड़क से ऊपर उठे हैं। ठेकेदार द्वारा सीवर लाइन के नीचे बेड सही तरीके से नहीं बनाया गया है। चार कराेड़ रुपए का टेंडर कालूपुर चुंगी से लेकर ककराेई एसटीपी तक किया है। जिसमें सीवर लाइन डैमेज हाे गई है।