(www.arya-tv.com) परंपरागत अफगान परिषद (जिरगा) की बैठक में सैकड़ों प्रतिनिधियों ने 400 तालिबानी कैदियों की रिहाई पर सहमति जताई। इसके साथ ही अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच शीघ्र वार्ता होने का रास्ता साफ हो गया है। बैठक रविवार (9 अगस्त) को समाप्त हुई। परिषद द्वारा आधिकारिक भाषा पश्तो और फारसी में जारी घोषणापत्र में तत्काल शांति वार्ता शुरू करने और संघर्ष विराम लागू करने की मांग की गई है। इस कदम के साथ अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी और सबसे लंबे सैन्य अभियान की समाप्ति और करीब आ गई है।
परिषद द्वारा काबुल के नेतृत्व और तालिबान के बीच होने वाली वार्ता की कोई तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह अगले हफ्ते शुरू होगी और बातचीत करने का स्थान पश्चिम एशिया का देश कतर होगा जहां पर तालिबान ने अपना राजनीतिक कार्यालय खोला है। अफगान शांति वार्ता का प्रावधान इस साल फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते में किया गया है। जब यह समझौता किया गया तो माना गया कि यह अफगानिस्तान में चल रहे युद्ध को खत्म करने का सबसे बेहतर मौका है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने परिषद के प्रतिनिधियों द्वारा लिए गए फैसले की प्रशंसा की और तालिबान से लड़ाई रोकने की अपील की। तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा, ”यह फैसला अच्छा और सकारात्मक कदम है। उसने कहा कि उनके कैदियों की रिहाई के साथ वार्ता एक हफ्ते के भीतर शुरू हो सकती है।” संघर्ष विराम के मुद्दे पर शाहीन ने कहा, ”तालिबान अमेरिका के साथ हुए करार को लेकर प्रतिबद्ध है और इस करार के तहत अंतर अफगान वार्ता में जिन मुद्दों की चर्चा होगी उनमें संघर्ष विराम एक है।”
हालांकि, परिषद द्वारा कैदियों को रिहा करने का फैसला स्तब्ध करने वाला नहीं है कयोंकि परिषद या जिरगा की बैठक शुरू होने से पहले ही अमेरिका ने इसमें शामिल होने वाले प्रतिनिधियों से शुक्रवार (7 अगस्त) को अपील की थी कि वे ऐसा कदम उठाएं ताकि वार्ता शुरू हो और इस युद्ध का समापन हो। परिषद के सचिव अतीफा तैयब ने समापन पर घोषणापत्र जारी करते हुए कहा, ”बाधाओं को दूर करने, शांति वार्ता शुरू करने के लिए जिरगा ने 400 तालिबान कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है।” उल्लेखनीय है कि अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते के तहत अफगानिस्तान की सरकार पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा करेगी, जबकि तालिबान करीब एक हजार सरकारी और सैन्य कर्मियों को अच्छी भावना के तहत रिहा करेगा।