रेहड़ी-पटरी वालों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, बिना पहचान पत्र के भी मिलेगा लोन

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(www.arya-tv.com) रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वाले भी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ ले सकेंगे, जिनके पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसके लिए अनुशंसा पत्र (एलओआर) व्यवस्था की शुरूआत की है। इस योजना के तहत ठेले, खोमचे वाले 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस सुविधा की शुरूआत की और कहा कि पात्र रेहड़ी-पटरी वाले स्थानीय शहरी निकाय अनुशंसा पत्र के लिए अनुरोध कर सकता है।

सड़क किनारे ठेले पर दुकान लगाने वालों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की गई है। इसके तहत ठेले, खोमचे वाले 10,000 रुपये तक कार्यशील पूंजी कर्ज ले सकते हैं। इस कर्ज को एक साल में मासिक किस्त में लौटाना होगा। मिश्रा ने कहा कि योजना के तहत एलओआर प्राप्त करने के बाद ठेले वाले दुकानदार कर्ज के लिए आवेदन दे सकते हैं।मंत्रालय के अनुसार अनुशंसा पत्र यह मॉड्यूल उन ठेले दुकान चलाने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को सुविधा देने के लिए तैयार किया गया है, जिनके पास पहचान पत्र (आईडी) और विक्रय प्रमाणपत्र (सीओवी) नहीं है तथा उनका नाम इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए सर्वेक्षण सूची में भी शामिल नहीं हैं।  आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने एक जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। इसका उद्येश्य कोविड-19 ‘लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए ठेले, खोमचे वालों को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए किफायती दर पर कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना है।