आखिरकार बन ही गयी हार्ट अटैक से बचने की दवा

Health /Sanitation

(Aryatvwebdesk:lucknow) :Reporter Hema

आख़िरकार वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक के बाद हृदय को दुरुस्त करने के लिए एक नए इलाज की पहचान की है। इसकी मदद से हार्ट टिश्यू की दोबारा उत्पत्ति की जा सकती है। इससे हार्ट फेल होने के खतरे से भी बच सकते है। हार्ट अटैक के दौरान ऑक्सीजन की कमी पड़ जाती है और जिससे  हृदय की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। शरीर प्रतिक्रिया में मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए इम्यून सेल्स को भेजता है लेकिन ये कोशिकाएं पहले से क्षतिग्रस्त हृदय में सूजन का कारण बन जाती हैं। इस समस्या के चलते हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ सकता है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि हार्ट अटैक के बाद चूहे में वीईजीएफ-सी नामक प्रोटीन इंजेक्शन के जरिये पहुंचाने से हृदय की मांसपेशियों को होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है। यही नहीं हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को भी पहले की तरह किया जा सकता है।

चूहों पर किया गया इस दवा का उपचार

जर्नल ऑफ क्लीनिकल इनवेस्टिगेशन में शोधकर्ताओं ने चूहों पर शोध किया जिसमे  दिल के दौरे पड़ने के बाद चूहों में  वीईजीएफ-सी नामक प्रोटीन इंजेक्शन दिया। यह पाया गया कि वीईजीएफ-सी उपचार जो लिम्फैटिक प्रणाली का हिस्सा है जो ह्रदय की मांसपेशियों की क्षति को कम करता है। इस प्रणाली से मृत कोशिकाओं को सुधारने और साफ़ करने में मदद के बाद प्रतिरक्षा कोशिकाओं को तुरंत साफ़ किया जा सकता है। इस उपचार से हृदय में बेहतर उपचार और दिल की पंपिंग बेहतर हुई।

हार्ट अटैक के जानने के लक्षण

वैसे तो सामान्य लोगों से ज्यादातर डायबिटिक लोगों में हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द होने के बजाय सांस फूलने, घबराहट, छाती में भारीपन, चक्कर आना तथा जबड़े में जकड़न जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।