(www.arya-tv.com)चीन द्वारा पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर का मामला उठाए जाने पर भारत सरकार ड्रैगन को आड़े हाथों लिया। भारत ने साफ शब्दों में कहा कि चीन हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को हम दृढ़ता से खारिज करते हैं। पहले की तरह इस बार भी इस कोशिश को खास समर्थन नहीं मिला।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ‘यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने एक ऐसे विषय को उठाने की मांग की है, जो पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हम अपने आंतरिक मामलों में चीन के हस्तक्षेप को मजबूती से खारिज करते हैं।
दरअसल, आर्टिकल 370 हटाए जाने की बरसी पर चीन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के अनुरोध का समर्थन किया था। मगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य चार सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने भारत का साथ दिया और पाकिस्तान की इस मांग को खारिज कर दिया। इस तरह चीन ने वहां भी फजीहत करवा ली।
बुधवार को भारत ने जम्मू कश्मीर के 2019 में किये गये पुनर्गठन को ‘अवैध एवं अमान्य बताने को लेकर बुधवार को चीन की आलोचना करते हुए कहा कि इस विषय पर बीजिंग का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है ओर उसे दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जम्मू कश्मीर पर भारत के फैसले के एक साल पूरा होने के मौके पर चीन की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस विषय पर चीन के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।