(Reporter -Vivek kumar sahu)
(Arya-Tvwebdesk Lko)-जहां एक तरफ पूर्ण विश्व महिला सशक्तिकरण और जेंडर इक्वलिटी की बात कर रहे है, बड़े- बड़े गैर सरकारी संगठन न जाने कितना बजट के साथ महिलाओ को बराबर के अधिकार दिलाने की बात कर रहे है.पाकिस्तान के मोहरी पुर गाव में 1947 से अब तक किसी भी महिला ने वोटिंग नहीं की है 71 साल देश आजाद होने के बाद भी महिलाओ को वोट देने का अधिकार नहीं मिला है.यहां महिलाओ के वोट बैन का कारण कोई सरकार या संस्था नही बलिक खुद उनके घरो के पुरुष है .इसके लिए उनका सम्मान न होने का हवाला दिया जाता था। एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्तान से 60 किलोमीटर दूर स्थित.
इस गांव की महिलाओं ने वोटिंग के अपने अधिकार के लिए अब आवाज उठानी शुरू कर दी है। यहां रहने वाली नाजिया तब्बसुम बताती हैं कि गांव के अधिकतर पुरुष महिलाओं को किसी लायक नहीं समझते हैं। हालांकि वोट डालना अब हमारे सम्मान की बात बन चुकी है। कई दशक पहले गांव के बुजुर्गों ने महिलाओं के वोट न डालने का नियम बनाया था।
उनका कहना था कि अगर महिलाएं पोलिंग बूथ पर वोट डालने जाएंगी तो उनकी बदनामी होगी। नाजिया कहती हैं कि जब औ
रतें बाहर काम करती हैं और पुरुष घर में रहते हैं। उस वक्त उन्हें सम्मान की परवाह क्यों नहीं होती है।
आपको बता दे की पकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए पाकिस्तान इलेक्शन कमीशन ने एक नियम बनाया है।इसके तहत हर संसदीय क्षेत्र में 10 प्रतिशत महिला वोटर्स की भागीदारी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो चुनाव के नतीजों को वैध नहीं माना जाएगा। आयोग के मुताबिक, पाकिस्तान में करीब 20 मिलियन नए मतदाता पंजीकृत हुए हैं। इनमें 9.13 मिलियन महिलाएं हैं।
