(www.arya-tv.com) साढ़े तीन साल का माधव और 13 साल की दिव्यांशी 8 मार्च को नानी के घर मोदीनगर, गाजियाबाद गए थे, 23 मार्च को लौटना था, लेकिन लॉकडाउन हो गया
- बच्चों के मामा ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ा, वहां से इंडिगो स्टाफ ने बच्चों की जिम्मेदारी संभाली और पूरे रास्ते परिवार की तरह ही ख्याल रखा
शनिवार दोपहर 3 बजकर 15 मिनट…इंडिगो की दिल्ली फ्लाइट राजा भोज एयरपोर्ट के रनवे पर उतर चुकी थी। इस फ्लाइट से उतरे यात्री सेल्फ डिक्लेयरेशन फॉर्म भरने के बाद अपनी थर्मल स्क्रीनिंग कराकर बाहर निकल रहे थे। इस दौरान अराइवल गेट के बाहर दंपति टकटकी लगाए खड़े थे। जब उनसे बात की तो पता चला वे अपने बच्चों को लेने आए हैं।
दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर इंडिगो का स्टाफ दो बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग कराकर उन्हें अराइवल गेट पर लाया। 97 दिन बाद अपने बच्चों को सामने देखकर मां के चेहरे पर जो खुशी थी वो देखने लायक थी। मां ने दौड़कर अपने साढ़े तीन साल के बेटे को गले लगाना चाहा, लेकिन एयरलाइन स्टाफ ने रोक दिया।
स्टाफ ने पहले पेरेंट्स की आईडी चेक की उसके बाद दोनों बच्चों को उनके हवाले किया। इसके बाद साढ़े तीन साल का बच्चा अपनी मां से लिपट गया, दोनों के चेहरे पर खुशी और आंखें नम थी।
8 मार्च को गए थे नानी के घर, तब से वहीं थे दोनों बच्चे
भोपाल की मिनाल कॉलोनी में रहने वाले मूलचंद शर्मा ने बताया कि उनका साढ़े तीन साल का बेटा माधव और 13 साल की बेटी दिव्यांशी 8 मार्च को अपनी नानी के घर मोदीनगर, गाजियाबाद गए थे। यहां से उनके मामा उन्हें लेकर गए थे। 23 मार्च को वापसी का टिकट था, लेकिन लॉकडाउन हो गया और बच्चे अपनी नानी के घर ही रह गए।