पाकिस्तान की पेशकश का भारत ने दिया जवाब, जानें क्या कहा

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पाकिस्तान द्वारा मदद की पेशकश का भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा उनका देश खुद ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है जो उनके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 90 प्रतिशत है। वह आज हमारी मदद की बात करता है।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ ही भयंकर कर्ज से जूझ रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत को मदद का प्रस्ताव दिया था। जबकि वह बार बार न्यूज़ चैनलों पर कटोरा लेकर भीख मांगते रहे हैं। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए इमरान ने दावा किया था कि भारत में 34 फीसद घर ऐसे है जिन्हें अगर कोई मदद नहीं मिली, तो वे एक हफ्ते से ज्यादा अपना गुजर-बसर नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने पाकिस्तान ट्रिब्यून की एक खबर के लिंक को ट्वीट करते हुए कहा, “इस रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में 34% परिवार ऐसे हैं जो बिना किसी मदद के सात दिनों से ज्यादा नहीं चल सकते। मैं भारत की मदद करने का प्रस्ताव देता हूं और हमारे देश के कैश ट्रांसफर प्रोग्राम (नकद हस्तांतरण कार्यक्रम) को साझा करने के लिए भी तैयार हूं। इस कार्यक्रम की खासियत है ‘जनता तक आसानी से पहुंच और पारदर्शिता’।

भारत ने दिया जवाब
इमरान खान की मदद के प्रस्ताव का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि उनके लिए ऋण एक बड़ी समस्या है जो उनकी जीडीपी का 90% है। जहाँ तक भारत की बात है, हमारा प्रोत्साहन पैकेज ही पाकिस्तान की GDP जितना बड़ा है।”

क्या है रिपोर्ट में
इमरान खान ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है उसके अनुसान, “कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से भारत में आर्थिक संकट पैदा हो गया है। तालाबंदी शुरू होने के बाद से लगभग 84% भारतीय घरों की आय में कमी आई है। करीब एक तिहाई परिवार ऐसे हैं जो बिना अतिरिक्त मदद के एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह पाएंगे।” पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय और मुंबई स्थित भारतीय अर्थव्यवस्था निरीक्षण केंद्र (CMIE) के विशेषज्ञों द्वारा ‘कोविड-19 लॉकडाउन का भारतीय परिवार कैसे मुकाबला कर रहे हैं? 8 अहम नतीजे” शीर्षक से जारी एक अध्ययन में यह बात कही गई है।