क्या कोरोना से ज्यादा खतरनाक साबित होगा बेरोजगारी का वायरस!

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आर्य टीवी यूपी ब्यूरो हेड अंकिता अग्रवाल कोविड.19 संक्रमण काल में निर्यात क्षेत्र में रोजगारी के गिरते स्तर पर खास  रिर्पोट………

Dr.Ankita Agarwal
Head.ARYA TV

कोरोना संक्रमण काल में सिर्फ कोविड.19 को लॉकडॉउन के जरिए खत्म करने का जो रास्ता भारत ने देखा है वह 100 प्रतिशत सही पर,भारत जैसे कृषि प्रधान देश के​ लिए बेरोजगारी भी इस संक्रमण से कम नहीं है,इसी पर विशेष जानकारी देने के लिए ईओयू और सेज़ के लिए निर्यात संवर्धन परिषद उत्तर भारत के अध्यक्ष विलास गुप्ता से आर्य टीवी ब्यूरो हेड अंकिता अग्रवाल से बातचीत के कुछ अंश……

गैर-परिचालित एन-सेज़ के कारण गहरा रहा है आर्थिक संकटलॉकडाउन के माहौल के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है, बेरोजगारी ला रही है, एनसेज के परिचालन को सुनिश्चित करना,समय की जरूरत है

नई दिल्ली/लखनऊ।गृह मंत्रालय द्वारा 15 तारीख को जारी अधिसूचना के अंतर्गत भारत के सभी सेज़ (स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन) या विशेष आर्थिक क्षेत्र को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ परिचालन करने की अनुमति मिल गई है, लेकिन एन-सेज, नोएडा में अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, स्थानीय प्राधिकरण के आदेश की प्रतिक्षा है। माना जा कहा है कि परिचालन में देरी पहले से चल रहे आर्थिक संकट को और गहरा कर देगी। एपसेस (ईओयू और सेज़ के लिए निर्यात संवर्धन परिषद) उत्तर भारत के अध्यक्ष विलास गुप्ता ने कहा,नोएडा सेज को इसके प्राधिकरण द्वारा विकास आयुक्त के नेतृत्व में प्रशासित किया जाता है, जो अतिरिक्त सचिव के पद के बराबर होता है। प्राधिकरण सुरक्षा की पूरी शक्ति के साथ पर्याप्त रूप से सक्षम है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कारखाने गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार चलाए जाएं।

vilas gupta
president

वे आगे बताते हैं,नोएडा सेज़ के अंतर्गत आने वाले कारखाने सौ प्रतिशत निर्यात इकाईयां हैं। कईं कारखानों के पास या तो निर्यात करने के लिए अपना नौवहन तैयार है या निर्यात करने के लिए माल अंतिम चरण में है। अगर इन कारखानों को अपना परिचालन प्रारंभ करने के लिए और रोका गया तो न केवल उन्हें भारी नुकसान में डाल दिया जाएगा, बल्कि उनके भविष्य के व्यापार को संभवतः पूरी तरह से परिचालित चीन के कारखानों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ये नोएडा सेज में काम करने वाले पचास हजार से अधिक कर्मचारियों और श्रमिकों को बेरोजगारी की ओर भी ले जा सकता है। कारखानों के मालिक अपने व्यवसायों के भविष्य को लेकर असुरक्षा से गुज़र रहे हैं। उनके आर्डर विदेशी खरीदारों द्वारा रद्द किए जा रहे हैं। तैयार किए गए माल को तब तक निर्यात नहीं किया जा सकता जब तक कि स्थानीय प्रशासन उन्हें परिचालन सुरू करने की अनुमति नहीं देता। यहां तक कि जो माल अंतिम चरण में हैं, वो भी विभिन्न स्तरों पर खुले में पड़े रहने के कारण क्षतिग्रस्त हो सकता है। इससे कारखानों को भारी नुकसान हो सकता है। व्यापार मालिकों की राय है कि यदि कारखानों को तुरंत काम करने की अनुमति नहीं दी गई तो इससे उन्हें अपने कर्मचारियों और श्रमिकों की संख्या कम करने के लिए विवश होना पड़ सकता है, जिससे बेरोजगारी काफी बढ़ जाएगी।

https://www.aryakul.org.in/

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एन-सेज़ में पचास हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इन व्यवसाय के मालिकों को यह डर है कि अगर कारखानों को काम करने की अनुमति न दी गई तो खरीदार अपने आर्डर को चीन में स्थानांतरित कर सकते हैं जहां कारखाने पूर्ण रूप से परिचालित हैं। कारखाना मालिकों का दावा है कि एन-सेज की इकाईयां सौ प्रतिशत निर्यात कर रही हैं और सभी आवश्यक अनुपालनों को पूरा करने के लिए उनके कारखानों का निरीक्षण विदेशी खरीदारों द्वारा किया जाता है। एन-सेज़ की परिधि में जो इकाईयां कार्यरत हैं, उनमें से 92 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम खंड (एमएसएमई) की हैं। इन उद्योगों के बंद होने से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा क्योंकि यहां कार्यरत अधिकांश कार्यबल, उनकी संबंधित इकाईयों के खुलने और कार्यशील होने की प्रतीक्षा कर रहा है। केंद्र सरकार के कामकाज शुरू करने के आदेश के बावजूद एन-सेज़, नोएडा अभी भी कार्यात्मक नहीं है, जो विभिन्न रोजगार और आर्थिक चिंताओं को जन्म देता है।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के पश्चात, इकाईयों के कामकाज को शुरू करने के लिए स्थानीय अधिकारियों को एन-सेज के अधिकारियों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता होती है। जहां तक,एन-सेज़ नोएडा का सवाल है, इसका संचालन विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाले अपने प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, जो एक उच्च श्रेणी का शासकीय आधिकारी है। एक बार स्थानीय प्रशासन से अनुमति मिलने के पश्तात, गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राधिकरण खुद ही कारखानों की निगरानी कर सकता है। एन-सेज़ एक सुरक्षित परिसर है जिसमें प्रवेश और निकास के लिए एकमात्र द्वार का इस्तेमाल किया जाता है।

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