- उ.प्र.स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ एवं कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा का मोमबत्ती जलाकर विरोध:शशि मिश्रा
- 1 मई को मोमबत्ती जलाकर विरोध:शशि मिश्रा महासचिव संयुक्त मोर्चा
- 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर दोपहर 12 बजे ज्यादा से ज्यादा मोमबत्ती जलाकर विरोध
- सरकार ने सकारात्कम निर्णय नहीं लिया तो आन्दोलन होगा
(www.arya-tv.com)कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के महासचिव शशि मिश्रा ने बताया कि संघ की ओर से निर्णय लिया गया है कि सभी स्थानीय निकाय एवं संयुक्त मोर्चा की प्रदेश ईकाइयों के कर्मचारी एवं उनके परिवार वाले 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर दोपहर 12 बजे ज्यादा से ज्यादा मोमबत्ती जलाकर प्रदेश सरकार व भारत सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों जैसे मंहगाई भत्ता, नगर प्रति कर भत्ता व अन्य 6 भत्तो को फ्रीज किए जाने के विरोध स्वरूप इस लाँकडाउन के समय ध्यानाकर्षण कराएगे। इस ध्यानाकर्षण आन्दोलन का वीडियो, फोटोग्राफ भी सोशल मीडिया व अन्य प्रकार से प्रसारित भी करेगें।
इस ध्यानाकर्षण आन्दोलन के कार्यक्रम के बाद भी यदि प्रदेश व देश की सरकार द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो लाँकडाउन की समाप्ति पर एक बड़ा आन्दोलन करने हेतु प्रदेश व देश का लाखों लाख कर्मचारी व संगठन मजबूर होगें। ज्ञात हो कि कोरोना के कहर के चलते सरकार द्वारा कर्मचारियों के भत्तों में कटौती की गयी है जिससे कर्मचारी संघ असहमत हैं इसी को लेकर 1 मई को घरों में ही सांकेतिक विरोध करने का निर्णय लिया गया है।
चारो तरफ विरोध पुर्नविचार की मांग :प्रेम शर्मा
राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को झटका देते हुए डीए पर रोक लगाई, ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए नहीं मिलेगा। जारी आदेश के मुताबिक महंगाई भत्ता, राहत का भुगतान नहीं होगा, 1 जनवरी 20 से जून 21 तक डीए बंद रहेगा। इसके अला 6 प्रकार के भत्ते भी बंद किए गए सचिवालय भत्ता, पुलिस भत्ता बंद किए गए। सरकार के इस निर्णय से कोरोना संक्रमण के दौरान योद्धा की भूमिका निभाने वाले स्थानीय निकाय कार्मिकों, स्वास्थ्य कार्मिकों और बिजली कार्मिको से लेकर शिक्षक तक नाराजगी जाहिर करते हुए इस आदेश पर सरकार से पुर्नविचार का आग्रह कर रहे है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 16 लाख तक राज्य कर्मचारी और शिक्षक प्रभावित होगें।
कर्मचारियोंकी मुश्किल बढ़ाने वाला निर्णय: वी.के.राय प्रदेश महामंत्री
वी.के.राय प्रदेश महामंत्री ,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, के अनुसार राज्य कर्मचारियों पेंसनर्स का जून 2021 तक रोके जाने से उनका एवम् उनके परिवार का जीवन यापन कठिन होगा। क्योंकि महँगाई तो अपनी रफ्तार से बढ़ती रहेगी।साथ ही नगर प्रतिकर भत्ता सहित छरूप्रकार के भत्ते को भी राज्य सरकार ने रोक दिया है, इस निर्णय का प्रभाव कोरोना वारियर्स जिसमें डाक्टर्स , नर्सेज,पैरामेडिकल्स, चिकित्सालय कर्मी, सफाई कर्मी ,पुलिस विभाग के अधिकारी ध्कर्मचारी जो अपना जान जोखिम मे डालकर इस वैश्विक महामारी से लड़ाई मे लगे है ,कई राज्य सरकारें इन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दे रही है,वही उ.प्र.सरकार का निर्णय से राज्य सरकार के कर्मचारियों पेंसनर्स की मुश्किल बढ़ाने वाला है।
फ्रीज भत्तों की सरकार तत्काल करे बहाली-रेनू शुक्ला
सुपरवाइजर एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष रेनू शुक्ला ने कहा है कि हर आपदाओं में क्षमता से अधिक कार्य करना व हर आपदा में एक दिन का वेतन देना तथा बिना संसाधनों के काम करना व पुरानी पेंशन की जगह न्यू पेंशन और आज मंहगाई भत्ते के साथ साथ अन्य 6 भत्तों को फ्रीज कर दिया गया।यह कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी है।उन्होंने कहा है कि सरकार फ्रीज भत्तों की तत्काल बहाली करें।