- कोरोना संक्रमण:छिपाने से घातक हो सकते हैं मामूली लक्षण
- एकेडमी ऑफ फेमेली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. रमन कुमार

गाजियाबाद
(www.arya-tv.com)अक्सर हम सर्दी-खांसी जैसे लक्षणों को सामान्य बात समझकर नजरअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन अभी कोविड-19 की महामारी के समय आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सतर्क रहना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित 6 में से 1 व्यक्ति में ही गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए मामूली लक्षणों को भी गंभीरता से लें, उनके गंभीर होने का इंतजार न करें। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए हेल्प लाइन नंबरों पर संपर्क करें। यह संक्रमण काफी तेजी से फैलता है, इसीलिए हमारी केंद्र और राज्य सरकारें सभी जरूरी कदम उठा रही हैं कि इस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। तो जानिए कि किन लक्षणों से इस संक्रमण को पहचानें, आपस में दूरी बनाए रखना कितना जरूरी है और अगर आपको पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है तो क्या जरूरी सावधानियां रखें।
संकेतों को पहचानें: सामान्य लक्षण
- सर्दी-जुकाम।
- लगातार थकान बने रहना।
- सुखी खांसी।
- नाक बहना।
- गले की खराश।
- डायरिया।
ये लक्षण मामूली और बहुत तीव्र भी हो सकते हैं : गंभीर लक्षण
- तेज बुखार।
- सांस लेने में परेशानी होना।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें
विश्व के बाकी देशों और हमारे अपने देश के विभिन्न राज्यों से जो खबरे आ रही हैं, उससे लोग काफी घबराएं हुए हैं, लेकिन इतना अधिक पैनिक होने की जरूरत नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोरोना वाइरस की वैश्विक मृत्यु दर, केवल 5-6 प्रतिशत है। अगर सर्दी, खांसी और मामूली बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें तो सतर्क हो जाएं। 2-3 दिन तक घर पर ही एक कमरे में आराम करें, संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करें, शरीर में जल का स्तर बनाए रखें, ताजी हवा में सांस लें और परिवार के अन्य सदस्यों को अपने से दूर रखें। अगर लक्षणों में सुधार आने की बजाए बढ़ जाएं; बुखार तेज हो जाए, छाती में जकड़न और सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत कोरोना वाइरस की जांच कराएं।
जांच कराने के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें: +91-11-23978046; टोल फ्री नंबर: 1075।

दूरी है सबसे जरूरी
अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण के केवल मानव से मानव में फैलने के ही प्रमाण मिले हैं। इस वायरस का इनक्युबेशन पीरियड 14 दिन है और अधिकतर लोगों में 5-6 दिन बाद ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं,लेकिन इस दौरान भी ऐसे लोग दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। जिन्हें मामूली लक्षण हैं या कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं, वो भी संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर जानें से बचें। लोगों से हाथ न मिलाएं न ही किसी को गले लगाएं। लोगों से कम से कम 1 मीटर या 3 फीट की दूरी पर रहें। परिवार के सदस्य भी आपस में दूरी बनाए रखें।
इस बात का भी ध्यान रखें कि परिवार का जो भी सदस्य घर से बाहर जाए, वह घर आकर पहले खुद को सेनिटाइज़ करें, फिर बच्चों और बुजुर्गों के करीब आए। अगर घर में कोई सर्दी-खांसी और गले की खराश से पीड़ित है तो इस बात की पूरी सावधानी रखी जाए कि परिवार के अन्य सदस्यों में यह ना फैले। ऐसे सदस्य के झूठे कप, प्लेट और गिलास का प्रयोग ना करें। परिवार के हर सदस्य के लिए अलग तौलिया रखें!
बुजुर्गों को चाहिए की वो घर से बिल्कुल बाहर न निकलें, डॉक्टर के यहां भी न जाएं। अगर डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी हो तो वीडियो कॉल से बात कर लें। यूरोप में सरकार ने 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 12 सप्ताह तक घर से बाहर न निकलने का सुझाव दिया है। बुजुर्गों को संक्रमण से बचने के लिए युवाओं से दुगनी सावधानी रखनी जरूरी है।
- अभी हमारे देश में कोविड-19 ने तीसरी स्टेज में प्रवेश नहीं किया है, इसलिए सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है, ताकि इस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
अगर पहले से ही बीमार हैं तो रखें अतिरिक्त सावधानी
दी लेंसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती उम्र और बीमारियां न केवल कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ा देती हैं बल्कि इसके कारण जान जाने की आशंका भी काफी बढ़ जाती है।
पहले से ही बीमार लोगों में संक्रमण का खतरा इसलिए अधिक होता है कि जब आपका शरीर किसी बीमारी से जूझ रहा होता है तब वो कमजोर हो जाता है और इम्यून तंत्र बाहरी आक्रमणों से लड़ नहीं पाता है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अनुसार, जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है जैसे हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारियां, डायबिटीज, कैंसर, उच्च रक्तदाब आदि उन्हें गंभीर संक्रमण की चपेट में आने का खतरा स्वस्थ्य लोगों की तुलना में चार गुना अधिक होता है।
अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार
जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हों वो स्वस्थ्य जीवनशैली बनाए रखें, खानपान का ध्यान रखें, दवाईयां समय पर लें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि गंदगी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कोई भी स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
पूरे विश्व में इस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों में सबसे अधिक संख्या उन लोगों कि है, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी और जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित थे। इसलिए जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है और जिन्हें पहले से ही कोई स्वास्थ्य समस्या है, वो मामूली लक्षण दिखाई देने पर भी तुरंत जांच कराएं, क्योंकि ये मामूली लक्षण भी गंभीर होकर जानलेवा हो सकते हैं।
एकेडमी ऑफ फेमेली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. रमन कुमार, गाजियाबाद