- अन्नामृत फाउंडेशन ने कोविड-19 में 79 लाख को भोजन कराया
- अन्नामृत फाउंडेशन ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित 79 लाख से अधिक प्रवासी लोगों और गरीब परिवारों को प्रदान किया भोजन
(www.arya-tv.com)पूर्व में इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन के रूप में पहचाने जाने वाले अन्नामृत फाउंडेशन ने कोविड- 19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लाॅकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की सहायता की है। फाउंडेशन ने लाॅकडाउन के दौरान देशभर में प्रवासी कामगारों, दैनिक वेतन भोगियों, झुग्गी-झोपड़ियों और कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोगों और सड़कों पर रहने वाले गरीबों को पौष्टिक और स्वच्छ भोजन प्रदान किया है। फाउंडेशन ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के बीच भूख के संकट से लड़ने के लिए ‘ऑपरेशन करुणा‘ की शुरुआत की। रिलायंस फाउंडेशन और अजय पिरामल की पिरामल फाउंडेशन लॉकडाउन अवधि के दौरान किराने का सामान और खाद्यान्नों की निर्बाध आपूर्ति का वादा किया है। बड़ी मात्रा में भोजन पकाने के लिए आवश्यक धन का इंतजाम रोटरी क्लब ऑफ बॉम्बे क्वीन्स नेकलेस ने किया। 25 मार्च 2020 को लागू किए गए लॉकडाउन के बाद से देशभर में भोजन के प्रतिदिन 3.2 लाख पैकेट के हिसाब से अब तक 79 लाख भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं।
अन्नामृत फाउंडेशन ने इस दिशा में और अधिक परोपकारी, लोगों, काॅर्पोरेट्स और एनजीओ से आगे आने और अपनी श्रद्धा के अनुसार छोटा या बड़ा योगदान करने का आग्रह किया है, क्योंकि अब भी बड़ी संख्या में ऐसे वंचित और जरूरतमंद लोग हैं, जिन्हें पर्याप्त सहायता की आवश्यकता है। अन्नामृत रसोई में स्वच्छता और सुरक्षा के साथ भोजन तैयार करने के सख्त दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है। अपनी विशिष्ट आईएसओ प्रमाणित मास कुकिंग तकनीक का लाभ उठाते हुए, एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और औद्योगिक आकार की रसोई में बड़ी मात्रा में तैयार किए गए भोजन को साझेदार संगठनों और गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से कुशलतापूर्वक वितरित किया जाता है, जिन्होंने जरूरतमंद लोगों को, खासकर मलिन बस्तियों में डोर-टू-डोर डिलीवरी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है। भोजन को तैयार करने में अब तक महाराष्ट्र में 81 टन चावल, 46 टन दाल, 14 टन खाना पकाने का तेल, 63.5 टन सब्जियां, 4 टन मसाले और 6 टन नमक का उपयोग किया गया है।
अन्नामृत फाउंडेशन के डॉ राधाकृष्ण दास ने कहा,यह हमारे देश के लिए एक कठिन समय है। हमारे संस्थापक, उनके दिव्य अनुग्रह अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, हमारे साथी जीवित प्राणियों के प्रति दया के भाव से, हम उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अन्नामृत के कार्यकर्ता और स्वयंसेवक जो जरूरी है, वो काम कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। हम अपने साथी संगठनों से मिलने वाले समर्थन के लिए आभारी हैं, क्योंकि उनके सक्रिय सहयोग के कारण ही हम भोजन के सफल वितरण का एक लंबा रास्ता तय कर चुके हैं। हम और अधिक लोगों से उनके योगदान के माध्यम से इस पहल में शामिल होने का अनुरोध करते हैं ताकि हम कई और लोगों तक पहुंचने में सक्षम हों जो वर्तमान में भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं।