विशाल सक्सेना के कुछ खास विचार

(www.arya-tv.com)कोरोना के इस संकट काल में जब से कोरोना फैला है लॉकडॉउन की स्थिति में हम घर में सब यही सोचा करते हैं कि इस कोरोना का प्रकोप कब खत्म होगा। इन्हीं सब नकारात्मक बातों से दूर रहने के लिए हमारे आर्य टीवी के विशेष संवाददाता विशाल सक्सेना ने कुछ दैनिक बातों को आम जनता से शेयर किया है जानतें हैं सारी बातें……
- आज की कवर स्टोरी पर होगी बात, सुबह के समय पर जिसको The Creative Hours भी कहा जाता है।
- आज हम बच्चो को कहते है सुबह उठो, पर सुबह क्यों उठना चाहिए और उसके क्या प्रभाव पड़ते है हमारी ज़िंदगी पर, इन सब बातो की जानकारी हम अपने बच्चो को नहीं बताते, शायद इसलिए बच्चे हमारी बात नहीं मानते।
- आइये हम आपको बताते है कुछ ऐसी बातें जिन्हें सुनकर आप मंत्रमुद्घ हो जाएंगे।
- शुरू करते है सुबह का पहला पड़ाव से जो है भ्रममुहर्त, जो सूर्य उदय से ठीक 96 मिनट पहले शुरू होता है।
इसके पीछे एक पूरा विज्ञान है, जिसको आज की आधुनिक विज्ञान ने भी प्रमाणित किया है।
1. लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन (Law of attraction) : इस समय आप जो भी पॉजिटिव वाइब्स या विचार व्यक्त करते है, वो ब्रमांड आपको वापस लौटाता है क्योंकि इस समय पुरे ब्रमांड की कॉस्मिक एनर्जी अपने चरम सीमा में होती है।
2. कॉस्मिक एनर्जी या विश्व शक्ति: कॉस्मिक एनर्जी वो एनर्जी होती है जो हमारे ब्रमांड को चलाती है। और जब आप इस समय सीधे ब्रमांड के संपर्क में आते है तब इसका संचार आपकी बॉडी में सबसे ज्यादा होता है और आपके अंदर पॉजिटिव ऊर्जा विकसित होती है। जिससे आप किसी भी काम को बड़ी सरलता से कर लेते है। वेदों के अनुसार इस समय को मनोहर काल भी कहा जाता है।
3. Circadian rhythm: जिस तरह हमारा दिमाग और हमारा शशीर आपस में इंटर कनेक्टेड होता है ठीक उसी तरह हमारी बॉडी और हमारा ब्रमांड भी इन्टर कनेक्टेड होता है। जब सूर्य की पहली किरणे पृथ्वी पर पड़ती है उस समय पृथ्वी की माग्निटिक फील्ड (magnitic field) अपने चरम सीमा पर होती है और जब इस समय हम इसके संपर्क आते है तब आपका दिमाग में अलग तरह रिएक्शन शुरू होता है और ब्रेन का पीनियल ग्लेंन melotonian नाम का केमिकल रिलीज़ करता है जो ब्रेन को शांत और स्टेबल रखने में मदद करता है। एक रिसर्च में यह प्रमाड़ित हुआ है कि ब्रेन 7.30 के बाद यह केमिकल रिलीज़ करना बंद कर देता है। यही कारण है कि सुबह 4 बजे बॉडी टेम्परेचर सबसे कम होता है और जैसे जैसे दिमाग एक्टिव होता जाता है वैसे वैसे ब्रेन केमिकल रिलीज़ करना बंद कर देता है। हम सब जानते है कि हमारा शशीर पांच तत्वों से बना है- वायु, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, पानी, इसीलिए हमारे शशीर को ब्रमांड का हिस्सा माना जाता है।
इस समय मैडिटेशन करने से हमारी concentration पावर, क्रिएटिविटी और फोकस एबिलिटी बहुत बढ़ जाती है।
4. Purest Environment: इस समय ऑक्सीजन लेवल 41% होता है और कार्बन डाइऑक्साइड लेवल सिर्फ 4% होता है। ताज़ी हवा से एनर्जी लेवल हाई हो जाता है जिससे ब्रेन शार्प होता है और हमारा शशीर भी हेल्थी रहता है।
5.Minimum noise pollution: हम सब जानते है कि हाई frequency और तेज़ आवाज़ से BP बढ़ जाता है जिससे हमारा ब्रेन concentration और फोकस ठीक से नहीं कर पाता इसलिए जब आप भ्रममुहर्त के शांत वातावरण में काम करते है तो वो बहुत ही प्रभावी सिद्ध होता है।
6.एनर्जी सेविंग (Energy Saving): इस समय आप मैडिटेशन करके अपनी इंद्रियोओं पर कंट्रोल कर सकते है इस इससे निकलने वाली ऊर्जा को नियंत्रित करके अपनी एकाग्रता को बढ़ा सकते है। जिससे आप अपने sub consious माइंड को भी कंट्रोल कर सकते है। sub consious माइंड वो होता है जिससे हम सोचते है। और एक बार अगर कोई बात हमारे sub consious माइंड में बैठ जाती है तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो उसको सच होने से रोक सके।
भ्रममुहर्त में उठने और meditation करके आप अपने आप और अपने बच्चो को इतना प्रभावशाली और प्रत्रिभावान बना सकते है की आप किसी की लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
आज के लिए बस इतना ही, जल्द ही मिलते है एक और रोमांचक विषय के साथ।
धन्यवाद।
विशाल सक्सेना