आतंकियों ने किया पाक दिनों में नपाक काम

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बुखारी को गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे उस समय गोली मारी गई, जब वे लाल चौक के पास प्रेस एन्क्लेव स्थित अपने ऑफिस से इफ्तार पार्टी के लिए निकल रहे थे. तभी मोटरसाइकिल सवार चार आतंकियों ने उन्हें घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया.

एक साल पहले ही पाकिस्तानी आतंकियों से उन्हें धमकी मिली थी. उसके बाद उन्हें एक्स कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी निर्भीक पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या पर शोक जताया है.

90 के दशक में कई रिपोर्ट से मिली पहचान

राइजिंग कश्मीर के डिप्टी शुजात बुखारी जम्मू-कश्मीर के जाने-माने पत्रकार थे. उन्होंने शुरू से कश्मीर की आवाज बेधड़क होकर बुलंद की थी. शुजात बिना डरे आतंकियों के खिलाफ भी आवाज उठा चुके हैं. भारत के बाहर भी वे कई मुल्कों में कश्मीरी अवाम की बात रखते रहे.

कश्मीरी और उर्दू में भी लिखते थे

यूएन की रिपोर्ट का किया था समर्थन

आज ही कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर उन्होंने आखिरी ट्वीट किया था. इसे उन्होंने सही रिपोर्ट कहा था. बुखारी कश्मीर में होने वाली हर घटना पर ग्राउंड रिपोर्ट करते थे.

राजनाथ से लेकर महबूबा-राहुल तक ने जताया दुख

बीते कुछ समय में देश में ये दूसरे बड़े पत्रकार की हत्या की गई है. इससे पहले गौरी लंकेश की भी बंदूकधारियों ने बंगलुरु स्थित उनके घर में गोली मार हत्या कर दी थी. शुजात बुखारी की हत्या पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक शोक जता चुके हैं.