नारायण सेवा संस्थान भी कोरोना संकट में देश के साथ-अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल

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  • कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई में नारायण सेवा संस्थान ने भी मिलाए राष्ट्र के साथ कदम, 14 दिनों में वितरित किए भोजन के 31500 पैकेट

(www.arya-tv.com)दिव्यांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके समावेशी कल्याण की दिशा में काम में जुटा धर्मार्थ संगठन नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) कोविड- 19 महामारी से उपजे हालात के बीच भी जरूरतमंद लोगों की सहायता का लगातार प्रयास कर रहा है। संस्थान ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वंचितों को भोजन प्रदान करके उनके जीवन को बचाने का काम किया है। एनजीओ की कोरोना रिलीफ सेवा विंग पूरे शहर में प्रति दिन भोजन के 2000 पैकेट वितरित कर रही है। शहर में ऑटो रिक्शा चालक, प्रवासी, स्थानीय निवासी, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और श्रमिकों को एनएसएस की कोरोना रिलीफ सेवा से जुड़े करीब 50 स्वयंसेवक नियमित रूप से भोजन के पैकेट बांट रहे हैं। 21 दिन के लाॅकडाउन की घोषणा के बाद अब तक 31500 से अधिक भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही दिव्यांग लोगों ने 9500 मास्क भी तैयार किए, जिन्हें लोगों को बांटा गया है। कोरोनावायरस के किसी भी संभावित संक्रमण से बचने के लिए संस्थान की टीम सेनिटाइजेशन के साथ-साथ स्वच्छता संबंधी प्रक्रियाओं का पालन कर रही है और भोजन पकाने की प्रक्रियाओं में भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘‘निस्संदेह लाॅकडाउन को लागू करना कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण और बहुत आवश्यक कदम है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सरकार द्वारा सुझाए गए अन्य उपायों की पालना भी करें, ताकि हम इस संकट से जल्द से जल्द बाहर निकल सकें। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और महामारी की रोकथाम के लिए उन्होंने कई प्रभावी सुधारों को लागू किया है। हमने अपनी ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 लाख रुपए का योगदान भी किया है।‘‘नारायण सेवा संस्थान जरूरतमंदों का मुफ्त इलाज करने के साथ-साथ इस लाॅकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक मदद भी कर रहा है। कुछ दिनों पहले, कल्पना और उनकी बालिका को चिकित्सा खर्च के लिए 1.80 लाख रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता पड़ी और संस्थान ने तत्काल इस राशि का भुगतान अस्पताल को किया।