16 दिसंबर 2012 से पहले ऐसी थी उसकी जिंदगी: दिल्ली से महज 240 किलोमीटर दूर एक गांव में रहने वाला यह नाबालिग महज 11 साल की उम्र में अपना घर छोड़ भाग आया था। घर से भागकर दिल्ली आते ही सबसे पहले उसकी मुलाकात राम सिंह से हुई जो निर्भया कांड का आरोपी था जिसने तिहाड़ में आत्महत्या कर ली थी।
रामसिंह ने ही उसे बस की सफाई के काम पर रख लिया और यहीं से उसकी नौकरी शुरू हो गई। बता दें जिस बस की सफाई का कमा उसे दिया गया उसी में 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया गया जिसमें यह नाबालिग भी शामिल था।