कोरोना से संक्रमित होने पर काम करना बंद कर देते हैं शरीर के ये अंग

Health /Sanitation

चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस ने 26 से ज्यादा देशों में दहशत फैलाई है। हर रोज लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ रहे हैं। वायरस से संक्रमित लोगों और मौतों में लगातार इजाफा हो रहा है। वायरस की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य्य संगठन ने दुनियाभर में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। एशिया, अफ्रीका और यूरोप समेत मध्य पूर्व में कोरोना का संक्रमण जारी है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या 1,886 हो गई है। सबसे ज्यादा मौतें चीन में हुई हैं। चीन के बाहर कोविड-19 (Covid-19) वायरस से पांच लोगों की मौत हुई है। वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 73,325 से ज्यादा हो गई है।

आइए जानते हैं कोरोना वायरस शरीर के अंगों का क्या हाल करता है…

फेफड़े को कैसे पहुंचाता है नुकसान?
COVID-19 वायरस से संक्रमित मरीजों में ज्यादातर के फेफड़े खराब हो जाते हैं। फ्लू की ही तरह कोरोना भी सांस से संबंधित बीमारी है। यह वायरस तब फैलता है जब इससे संक्रमित मरीज खांसता या फिर छींकता है। किसी के नजदीकी संपर्क में आने से यह वायरस दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करता है। इसके लक्षण भी फ्लू के लक्षण की ही तरह होते हैं। इसमें बुखार आता है और सांस लेने में दिक्कत के साथ ही सिर में भारीपन होने लगता है। इसी तरह के लक्षण निमोनिया में भी होते हैं।
कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों को तीन चरणों में चपेट में लेता है।

इम्यून हाइपर-रिएक्टिविटी (प्रतिरक्षा की उच्चता)
सभी मरीज इन तीनों चरणों से नहीं गुजरते हैं। 25 फीसदी सार्स मरीजों के शरीर में ही ऑक्सीजन की कमी होती है और सांस रुक जाती है। 82 फीसदी कोविड-19 से संक्रमित मरीज गंभीर स्थिति में पहुंचते हैं, एकदम से उनकी मौत नहीं होती है।
जिस तरह निमोनिया दोनों फेफड़ों को संक्रमित करता है उसी तरह कोरोना भी दोनों फेफड़ों को अपने चपेट में लेता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। फेफड़ों के साथ ही हमारे शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाएं मरने लगती हैं, और शरीर के स्वस्थ ऊतकों का नाश होने लगता है। कोरोना में इबोला और फ्लू से ज्यादा तेज गति से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है और इनकी क्षति हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना मरीज के फेफड़ों में छेद कर देता है। ज्यादातर मौतें फेफड़ों में ऑक्सीजन के नहीं पहुंचने और सांस रुकने से होती है।

पेट को कैसे नुकसान पहुंचाता है कोरोना?
सार्स और मर्स आउटब्रेक के दौरान ज्यादातर मरीजों को डायरिया (दस्त) की शिकायत देखी गई थी। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि नए कोरोना वायरस में जठरांत्र संबंधी लक्षण कितना महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। कोरोना के नए मामलों में डायरिया और पेट में दर्द के मामले कम ही देखने को मिल रहे हैं। कोरोना वायरस जब किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है तो यह शरीर की कोशिकाओं को खत्म करने लगता है। यह शरीर की कोशिकाओं पर तेजी से आक्रमण करता है और ऊतकों को भी निष्क्रिय कर देता है। सार्स और मर्स वायरस मरीज के आंतों को पंक्तिबद्ध करने वाली कोशिकाओं को क्षति पहुंचाता है, तभी व्यक्ति को डायरिया की शिकायत होती है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कोविड-19 भी ऐसा करता है कि नहीं।
कोरोना वायरस शरीर के अन्य तंत्रों को भी प्रभावित कर सकता है। साल 2014 में हुए एक शोध में बताया गया है कि मर्स के 92 फीसदी मरीजों में फेफड़ों के अलावा शरीर के दूसरे अंगों पर भी प्रभाव होता है। यह प्रभाव पूरे शरीर पर हो सकता है। कोरोना वायरस से लिवर भी डैमेज हो सकता है।