बांदा।(www.arya-tv.com) जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते खप्टिहाकलां गोशाला एक बार फिर गोवंशों के लिए कब्रगाह बन गई। शुक्रवार सुबह गोशाला के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर गिरने से 21 गोवंशों की करंट से मौत हो गई, जबकि 10 गोवंश झुलस गए। हादसे की खबर पर डीएम व एसपी अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और लापरवाही पर बिजली विभाग के एक्सईएन को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने दोषियों पर एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
खप्टिहाकलां गोशाला के ऊपर से गुजरी हाइटेंशन की लाइन का तार जिस समय टूटकर गिरा, मौके पर न तो संचालक था और न ही पशु चिकित्साधिकारी। बड़ी संख्या में गोवंशों के मरने की खबर फैली तो महकमे में खलबली मच गई। सूचना पर जिलाधिकारी हीरा लाल, एसपी गणेश साहा सहित बिजली विभाग के एक्सईएन अजय सविता, सीवीओ आईएन सिंह, एसडीएम पैलानी मंसूर अहमद, सीओ सदर राघवेंद्र सिंह, तहसीलदार राजीव निगम सहित अधिकारियों का हुजूम पहुंचा।
डीएम ने लापरवाही मिलने पर एक्सईएन व संचालक को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही जंगल से गुजरी हाइटेंशन लाइन को हटाकर तत्काल सांड़ी लाइन से जोडऩे के निर्देश दिए। ग्रामीणों से कहा कि वे गोवंशों को खुला न छोड़ें। उन्होंने एसडीएम को जांच के आदेश देकर रिपोर्ट मांगी है। गोवंशों के शवों को बिना पोस्टमार्टम वहीं गड्ढे में दफना दिया गया।
खप्टिहाकलां गोशाला का निर्माण तत्कालीन डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने 12 लाख रुपये से वर्ष 2017 में कराया था। इसमें शासन से 28 लाख रुपये चरही व टिनशेड के लिए पिछले वर्ष मिले थे। इसके अलावा गोवंशों के चारा-भूसा को 10 लाख रुपये पिछले दिनों मिले थे। इतनी भारी भरकम धनराशि खर्च होने के बाद भी स्वयंसेवी संस्था गोवंशों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। पिछले सप्ताह यहां 12 गोवंशों की मौत हो गई थी।
खप्टिहाकलां गोशाला में तीन माह पहले ही तार टूटने से करंट से तीन गोवंशों की मौत हो चुकी है। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने इससे सबक नहीं लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि इसे गंभीरता से लिया होता तो इस हादसे को रोका जा सकता था। डीएम की सख्ती के बाद भी गोशाला संचालक द्वारा लापरवाही बरती जाती है। यह बेहद दुखद घटना है। गोवंशों के मरने में कोई दोषी नहीं है, फिर भी जांच करा रहे हैं। कहीं लापरवाही मिली तो जिम्मेदारों पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।