हिंसक प्रदर्शन में पुलिस पर फायरिंग करने वाले तीसरे इनामी का नाम हुआ साफ

Meerut Zone UP

मेरठ।(www.ayra-tv.com) नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में 20 दिसंबर को हुई हिंसा की तफ्तीश स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने शुरू कर दी है। उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही हैं। वहीं, हिंसा के दौरान पुलिस पर फायरिंग कर रहे तीसरे इनामी का नाम भी साफ हो गया है। एसआइटी की अगुवाई एसपी क्राइम ब्रांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी थानों के दारोगा और इंस्पेक्टर मुकदमों की विवेचना कर रहे हैं।

सभी हिंसा प्रभावित थाना क्षेत्रों में करीब 50 पुलिसकर्मी इस जांच का हिस्सा बनेंगे। जांच में जुड़े अफसरों को एक-एक मुकदमे की पड़ताल करने के आदेश दिए हैं। सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल कैमरों की फुटेज चेक की गई है। मोबाइल फोनों के डंप डेटा की स्टडी की जानी है। 24 मुकदमों में पुलिस ने 37 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। इसमें पीएफआइ और एसडीएफआइ के सदस्य भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है।

वहीं, हिंसा के दौरान पुलिस पर फायरिंग करने वाले तीसरे इनामी का नाम भी साफ हो गया है। अब तक लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के फैसल, अनीस और नईम पर 20-20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस उनकी धरपकड़ का प्रयास कर रही है। एसपी सिटी डा. अखिलेश नारायण ने बताया कि तीनों इनामी की पहचान हो गई है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। जल्द ही उनको दबोच लिया जाएगा। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 20 दिसंबर को शहर में हुई हिंसा के दौरान सरकारी संपत्ति की क्षति की भरपाई के लिए चिन्हित 141 बवालियों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किए हैं।

नोटिस में सभी को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। लेकिन चारों थानों की पुलिस अभी तक बवालियों को नोटिस ही तामील नहीं करा सकी है। न ही एक भी नोटिस की तामीली रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्राप्त कराई गई है। चिन्हित बवालियों का पक्ष सुनने के बाद ही उनपर सरकारी संपत्ति की क्षति की वसूली के लिए राशि का निर्धारण किया जाना है। हिंसा के संबंध में प्रभावित चार थानों में 180 बवालियों को नामजद करके कुल 24 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से 132 उपद्रवियों की पहचान फोटो से की जा चुकी हैं और 37 उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

हिंसा के दौरान नगर निगम, एमडीए और पुलिस की संपत्तियों और वाहनों को क्षति पहुंचाई गई। दोनों विभागों ने इस क्षति की राशि लगभग एक करोड़ बताई है। मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक इस क्षति की राशि की वसूली उपद्रवियों की संपत्ति की बिक्री करके की जानी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने 141 लोगों की सूची तैयार की है। इन सभी को नोटिस भी जारी किए गए हैं। एडीएम सिटी अजय तिवारी का कहना है कि चिन्हित लोगों को नोटिस जारी करके एक सप्ताह के भीतर जवाब देकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है। उनके जवाब के आधार पर ही उनसे राशि की वसूली का निर्णय लिया जाएगा।

यह पूरी प्रक्रिया तीस दिन की है। एडीएम सिटी कार्यालय से उक्त नोटिस तामील कराने के लिए चारों थानों में भेजे गए थे। कई दिन बाद भी किसी भी थाने से नोटिस तामील कराने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जिससे माना जा रहा है कि पुलिस ने बवालियों को अभी नोटिस ही प्राप्त नहीं कराए हैं। इस हालात में वसूली की प्रक्रिया में विलंब होना तय है। 20 दिसंबर को हिंसा के दौरान 30 रंगरूट और आरएएफ के दो जवान बवालियों के बीच फंस गए थे। उन्होंने खुद को एक दुकान में बंद कर लिया था। उपद्रवी बाहर से पत्थर बरसा रहे थे। बचाव के लिए पुलिस भी नहीं पहुंच पा रही थी।

घंटों तक वे फंसे रहे। बाद में पुलिस पहुंची और उन्हें बचाया, जिसका वीडियो गुरुवार को पुलिस ने जारी किया। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान आधा शहर जलने लगा था। पुलिस के आला अधिकारियों के साथ ही रंगरूट भी उतार दिए गए थे। हापुड़ रोड पर जमकर बवाल चल रहा था। आगजनी और पथराव के दौरान 30 रंगरूट और आरएएफ के दो जवान उपद्रवियों के बीच फंस गए थे। उन्होंने खुद को एक दुकान में बंद कर लिया था।

दहशतभरी दास्तां तो उन्होंने बता दी थी। अब पुलिस ने उनको बचाने का वीडियो जारी किया है। इसमें रंगरूट दुकान से निकलते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही आरएएफ के जवान भी है। दुकान के सामने आगजनी है। पत्थर पड़े हुए हैं। उस दिन यदि कुछ देर और होती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। वीडियो में रंगरूटों के चेहरों पर दशहत दिखाई दे रही है। बाहर फोर्स देखकर उनकी जान में जान आई थी। वहीं, सभी की जान बचने के बाद अफसरों ने भी राहत की सांस ली थी।