ठंड ने 57 सालों का रिकार्ड तोडा, पहली बार न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस

UP Varanasi Zone

वाराणसी।(www.arya-tv.com) इस बार की ठंडी रिकार्ड पर रिकार्ड तोड़ती जा रही है। सोमवार को इस सदी का ही नहीं बल्कि 57 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। आजादी के बाद दूसरी और 1962 के बाद पहली बार न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। यही नहीं अधिकतम पार भी मात्र 9.0 डिग्री सेल्सियस ही रहा। इसके कारण दिन में भी ठंड से लोगों के दांत कटकटा रहे थे। धूप का तो कही से नामों निशान नहीं रही बल्कि पूरे दिन अंधेरे की स्थिति रही।

लोग घरों में दुबके और अलाव से चिपके रहे। वैसे अब तो बस बारिश से ही उम्मीद बीच है, जिससे कि तापमान में गिरावट पर ब्रेक लग सके। सोनांचल में ठंड ने गत 18 साल के रिकार्ड को तोड़ दिया है। इससे लोगों की गलन भरी ठंड से कंपकंपी छूटती रही। सोमवार को न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सिलस रिकार्ड किया गया। इससे अधिक ठंड वर्ष 2002 में पड़ी थी। इस दौरान न्यूनतम तापमान -0.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जनपद में पिछले एक सप्ताह से लगातार पारा गिरने से लोग परेशान दिखाई दे रहे हैं। ठंड से पूर्वांचल जिलों में रविवार रात से सोमवार शाम तक 19 लोगों की मौत हो गई।

न्यूनतम तापमान ने गोता लगाया ही है। साथ ही अधिकतम तापमान भी वर्षों बाद 9.0 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके कारण 24 घंटे ठंड की मार झेलनी पड़ी। रात हो या दिन। सुबह, दोपहर व शाम सब एक जैसे था। इस सीजन में आद्रता भी पहली बार 100 प्रतिशत हुई। हड्डी हिला देने वाली ठंड की यह एक भी कारण बनी। वहीं न्यूनतम आद्र्रता भी 92 प्रतिशत ही रही। यानी वातावरण में सबसे अधिक नमी भी रही।

इस बार का दिसंबर भी सितमगर रहा। 31 दिसंबर 1962 और 30 दिसंबर 2019 को 2.3 डिग्री का आंकड़ा बता रहा है कि दिसंबर काफी कष्टदायी रहा है। हालांकि आजादी के बाद एक बार जनवरी माह में न्यूनतम पारा 1.3 डिग्री पर पर आ गया था। अगर यही स्थिति रही तो यह रिकार्ड भी इस साल टूट सकता है। अगर दिसंबर माह की बात की जाएं तो एक दशक में 26 दिसंबर 2009 को 6.0, 22 दिसंबर 2010 में 5.5, 2011 में 5.0, 30 दिसंबर 2012 को 5.0, 30 दिसंबर 2013 को 8.6, 30 दिसंबर 2014 को 3.3, 26 दिसंबर 2015 को 6.3, 11 दिसंबर 2016 को 11.0, 25 दिसंबर 2017 को 8.2, 30 दिसंबर 2018 को 4.3, 28 दिसंबर 2019 को 4.0 व 30 दिसंबर को 2.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम पारा रहा।

प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएस पांडेय ने बताया कि 1962 के बाद पहली बार न्यूनतम तापमान दिसंबर माह में इतना कम हुआ है। अगर यही स्थिति बनी रही तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। वैसे एक वार्म फ्रंड यहां यहां पहुंच रहा है। इसके कारण दो-तीन दिन के अंदर बादल व बारिश की स्थिति बनेगी। इसके कारण तापमान में गिरावट का दौर रूकेगा। हालांकि इसके तुरंत बाद फिर से कोल्ड फ्रंट चलेगा, जिसके बार फिर से तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद जनवरी माह में एक बार न्यूनतम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। यह रिकार्ड टूटने की भी इस साल संभावना बन रही है।