झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम के ताझा रुझानों में ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के प्रमुख सुदेश महतो किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। रघुवर सरकार में भाजपा के साथी रहे सुदेश महतो इस चुनाव में अलग चुनाव लड़े थे। रुझानों में उनकी पार्टी आजसू को सात सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं।
त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) और पूर्व मुख्यमंत्री जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी बड़ी भूमिका में उभर सकते हैं। इस चुनाव से पहले आजसू भाजपा गठबंधन से बाहर आ गई थी। हालांकि पार्टी प्रमुख सुदेश महतो कह चुके हैं कि भाजपा के साथ गठबंधन का दरवाजा बंद नहीं हुआ है।
क्यों टूटा था भाजपा-आजसू गठबंधन
विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के बीच सीटों के तालमेल नहीं होने की वजह से यह गठबंधन टूट गया था। बता दें कि झारखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब भाजपा और सुदेश महतो के ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरे थे। वर्ष 2000 में झारखंड का गठन होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी और आजसू गठबंधन एक साथ चुनाव लड़ रहे थे।
कौन हैं आजसू चीफ सुदेश महतो
आजसू चीफ सुदेश महतो झारखंड के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इन्होंने झारखंड के गठन के साल 2000 में 25 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ जीत हासिल की थी। इसके बाद बनी सरकार में सुदेश को सड़क निर्माण मंत्री बनाया गया। 29 दिसंबर 2009 को देश महतो ने झारखंड राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी।
सुदेश महतो सिल्ली विधानसभा सीट से 2000, 2005 और 2009 में चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी वह सिल्ली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं।