अदालतों में सुरक्षा के इंतजाम 31 दिसंबर तक पूरे हों: हाईकोर्ट

## Prayagraj Zone UP

बिजनौर जिला अदालत में पेशी पर आए अभियुक्त की हत्या की घटना पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही हाईकोर्ट की पीठ ने जिला अदालतों की सुरक्षा के सभी इंतजाम 31 दिसंबर तक पूरा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव को स्वयं हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि जिला न्यायालयों में बाउंड्रीवॉल बनाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने, मेटल डिटेक्टर आदि का कार्य 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। 28 फरवरी तक विशेष प्रशिक्षित पुलिस की तैनाती करने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से विशेष बल की तैनाती के लिए और समय मांगे जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस इस काम की विशेषज्ञ एजेंसी है। इतना समय क्यों चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि अदालतों में वकीलों और एडवोकेट क्लर्क को बायोमेट्रिक कार्ड से प्रवेश देने का काम जनवरी तक पूरा कर लिया जाए। फरवरी से इसे लागू कर दिया जाए। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि वह आईकार्ड दिखाने के कहने पर सुरक्षा बलों का सहयोग करें। उनसे उलझें नहीं। बार कौंसिल से इस मामले में सहयोग मांगा है।

प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि बिजनौर जिला अदालत में वकीलों और वादकारियों के अलग-अलग प्रवेश के लिए व्यवस्था कर दी गई है। जिला जज से सात बिंदुओं पर व्यवस्था करने को सहयोग मांगा गया है। बिजनौर कोर्ट में 38 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जा रहा है। डोर मेटल डिटेक्टर और लगेज स्कैनर लगाने का काम भी जल्दी पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वकील आईकार्ड मांगने पर विरोध करते हैं और पुलिसकर्मियों से मारपीट करने लगते हैं।

सीसीटीवी कैमरे नहीं कर रहे काम
सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट में लगाए गए 75 प्रतिशत सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसी प्रकार से इटावा जिला अदालत में लगे कैमरे भी काम नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर अदालतों में जो कैमरे लगाए गए हैं वह काम नहीं कर रहे हैं। 38 अदालतों में अब तक बाउंड्रीवॉल बन सकी है।

आईकार्ड दिखाने में इज्जत नहीं जाती
पीठ ने वकीलों से अपील की है कि यदि सुरक्षा बल आईकार्ड मांगते हैं उसे दिखाने में उनकी बेइज्जती नहीं होती है। वह ऐसा उनकी सुरक्षा के लिए ही कर रहे हैं। कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय और बार कौंसिल के वकील से अपील की है कि सुरक्षा में वकील सहयोग करें। बार कौंसिल से ऐसे वकीलों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है जो बेवजह असहयोग करते हैं।

कोर्ट ने वादकारियों को गेट पास बनाने की व्यवस्था करने और जिला अदालतों के वकीलों का एडवोकेट रोल बनाने का निर्देश दिया है। एडवोकेट क्लर्क और कोर्ट कर्मचारियों का भी परिचयपत्र बनाने का निर्देश दिया है। अदालत में सुनवाई के दौरान गृह सचिव भगवान प्रसाद और एडीजी दिनेश जुनेजा की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। कोर्ट ने अगली सुनवाई दो जनवरी को अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को उपस्थित रहने का आदेश दिया है।राज्यपाल से मुलाकात के बाद बोले योगी-उपद्रवियों पर होगी सख्त कार्रवाई

लखनऊ उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर चल रहा तनाव अभी भी पूर्णत: खत्म नहीं हो पाया है। 19 दिसंबर को जहां राजधानी लखनऊ में जमकर उपद्रव देखने को मिला वहीं 20 दिसंबर को गोरखपुर, बहराइच समेत कई जगहों पर बवाल हुआ। पूरे प्रदेश में हिंसा का माहौल है।

एनआरसी मुद्दे को लेकर शनिवार सुबह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम ने राज्यपाल से प्रदेश के मौजूदा हालात के संबंध में चर्चा की है।

मुलाकात के बाद सीएम योगी ने एक बार फिर कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं यूपी डीजीपी ने भी का है कि हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहा उग्र विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है। जानकारी के अनुसार मेरठ में चार, बिजनौर, कानपुर, संभल में दो-दो, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद व वाराणसी में एक-एक की जान गई है।