आगरा।(www.arya-tv.com) सरकारी अस्पताल और निजी क्लीनिक पर डॉक्टर पर्चे पर ब्रांडेड कंपनी की दवा लिख रहे हैं। दवाओं के जेनेरिक नाम नहीं लिखे जा रहे हैं, मरीजों की जन औषधि केंद्र से सस्ती दवा की आस टूट रही है। गरीबों को परेशान होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल, लेडी लॉयल महिला चिकित्सालय और एसएन मेडिकल कॉलेज में मरीजों को बाजार की दवाएं लिखी जा रही हैं। डॉक्टर पर्चे पर ब्रांडेड कंपनी की दवा का नाम लिख रहे हैं, इन दवाओं का जेनेरिक नाम न होने पर जन औषधि केंद्र से सस्ती दवा नहीं मिल पा रही है। 60 रुपये कीमत की ब्रांडेड दवा जन औषधि केंद्र में नौ रुपये में मिल रही है। मगर, पर्चे पर जेनेरिक नाम ना लिखा होने से मरीजों को सस्ती दवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
- एजीथ्रोमाइसिन 500 एमजी (एंटीबायोटिक) – जेनेरिक 85 रुपये 10 टेबलेट, ब्रांडेड कंपनी 160 से 200 रुपये
- पेंटापेराजोल, डॉमपेरीडोन (एसिडिटी की दवा) – जेनेरिक 22 रुपये 10 कैप्सूल, ब्रांडेड 110 रुपये
- ग्लिमिप्राइड, मेटफॉर्मिन (मधुमेह रोग की दवा) – जेनेरिक 18 रुपये 10 टेबलेट, ब्रांडेड 40 से 60 रुपये
- पिपेरासिलिन, टेजोबैक्टम इंजेक्शन (एंटीबायोटिक इंजेक्शन) – जेनेरिक 111 रुपये, ब्रांडेड 400 से 600 रुपये
- टेल्मीसार्टन 20 एमजी (हाई ब्लड प्रेशर की दवा) – जेनेरिक 9 रुपये 10 टेबलेट, ब्रांडेड 56 से 70 रुपये
- बरती जाएगी सख्ती
