बॉलीवुड में कई ऐसे सितारे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखे। इनमें से कुछ सितारे ऐसे हैं जिन्होंने शोहरत की बुलंदियां तो छुई लेकिन उनकी मुस्कान के पीछे गम छिपा हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन हस्तियों ने अपनी आंखों के सामने अपने बच्चों को मौत के मुंह में जाते हुए देखा। जानिए बॉलीवुड के ऐसे पांच सितारों के बारे में जो जीते जी बच्चों की मौत के सदमे से गुजरे। 
80 के दशक में कई फिल्मों में नजर आए अभिनेता शेखर सुमन की जिंदगी में एक ऐसा भूचाल आया था जिसने उन्हें हिलाकर रख दिया था। शेखर और उनकी पत्नी अलका दिल्ली के एक ही कॉलेज में साथ पढ़ा करते थे और इस दौरान दोनों की मुलाकात एक फ्रेंड के जरिए हुई। देखते ही देखते दोनों में प्यार परवान चढ़ा और साल 1983 में शादी भी कर ली। शादी के बाद दोनों का वैवाहिक जीवन कुछ सालों तक बेहद शानदार रहा। अचानक जिंदगी ने रुख बदला और शेखर जॉबलेस हो गए। अलका का काम भी कुछ खास नहीं रहा था। इस बीच उन्हें पता चला कि उनके बड़े बेटे आयुष को दिल से संबंधित कोई बड़ी बीमारी है जिसके लिए ढेर सारे पैसे की जरूरत थी। पैसे की कमी की वजह से वह बेटे का सुगम इलाज नहीं करवा पाए और महज 11 साल की उम्र में उनके पहले बेटे की मौत हो गई। इस हादसे के बाद दोनों टूट गए थे। इन दोनों का एक और बेटा है जिसका नाम अध्ययन सुमन है।
मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। इन्होंने भी जवान बेटे की मौत जीते जी देखी। जगजीत सिंह के इकलौते बेटे विवेक सिंह की साल 1990 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। ये जगजीत की जिंदगी का सबसे बुरा दौर था। वो छह महीने तक सदमे में थे। उन्हें इस हादसे से उबरने में काफी वक्त लगा। जगजीत की पत्नी चित्रा सिंह अपने 18 साल के बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई थीं। अपने जवान बेटे की मौत का उन पर इतना गहरा असर पड़ा था कि उन्होंने गाना ही छोड़ दिया।
कबीर बेदी के बेटे सिद्धार्थ ने भी ने आत्महत्या की। उस वक्त सिद्धार्थ महज 26 साल के थे। कबीर बेदी ने एक इंटरव्यू में कहा था- ‘मेरे बेटे ने इंफॉर्मेशन टेक्नॉलजी में ऑनर्स किया था। फिर वो मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने नॉर्थ कैलिफोर्निया की यूनिवर्सिटी में गया। यहां आकर उसकी लाइफ में सबकुछ बदल गया। पढ़ाई के दौरान पता चला कि वो डिप्रेशन में है। डिप्रेशन बढ़ता गया और आखिरकार ये सिजोफ्रेनिया जैसी गंभीर बीमारी में बदल गया। बेटे का इलाज करवाया लेकिन इस दौरान दी जाने वाली दवाएं उसे उदासी की ओर ले गईं। उसने खुद अपनी बीमारी के बारे में सर्च किया और उसे पता चला कि इस बीमारी के गंभीर नतीजे होंगे। एक दिन उसने मुझसे कहा वो आत्महत्या करने की सोच रहा है। ये बात सुनकर मैं हैरान रह गया था। मैंने उसे बहुत समझाया लेकिन वो नहीं माना और एक दिन उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली।’
फिल्म जगत में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके महमूद अब इस दुनिया में नहीं है। इन्होंने ने भी जवान बेटे मैक अली की मौत का सदमा झेला। मैक अली संगीत की दुनिया में जगह बनाने का प्रयास कर ही रहे थे तभी उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। मैक को महज 31 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट हो गया था। मैक म्यूजिक एल्बम यारों सब दुआ करो में नजर आए थे।
गायिका आशा भोसले की बेटी वर्षा भोसले ने साल 2012 में आत्महत्या कर ली थी। 50 वर्षीय वर्षा अपने व्यक्तिगत जीवन को लेकर काफी समय से अवसाद में थीं। इससे पहले साल 2008 में भी वह खुदकुशी का प्रयास कर चुकी थीं। उस वक्त मुंबई के पेडर रोड स्थित उनके अपार्टमेंट में अचानक गोली चलने की आवाज आई। जिसके बाद आसपास के लोग उनके आवास पर पहुंचे। आनन फानन में वर्षा को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आशा भोसले एक कांसर्ट के सिलसिले में उस वक्त सिंगापुर में थीं।
