फेंसेडिल कफ सिरप के कारोबारियों की सूची तैयार कर ली गई है। एबॉट कंपनी ने जिनकों प्रदेश में सुपर स्टॉकिस्ट बनाया है। उनकी सूची एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने तैयार किया है। जिसे मंगलवार को शासन को सौंप दिया गया। इस सूची में शामिल कारोबारियों ने फेंसेडिल कफ सिरप की खरीद-फरोख्त की है। सूची मिलने के बाद एसआईटी की जांच आसान हो जाएगी। शासन को दी गई रिपोर्ट में लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, नोएडा, मेरठ, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली जिलों में फेंसेडिल सिरप का थोक कारोबार करने वाले व्यापारियों के नाम भी शामिल हैं। सभी कारोबारी जांच के दायरे में आ गये हैं।
एबॉट कंपनी द्वारा सिरप का उत्पादन करने के बाद दिल्ली के वान्या इंटरप्राइजेज के वेयरहाउस में स्टोर किए जाते थे। यह लैबोरेट फार्मा का कैरी एंड फारवर्ड यूनिट भी है, जो एस्कफ कफ सिरप का उत्पादन करती है। गाजियाबाद में नवंबर को चार ट्रक सिरप पकड़ा गया था। जिसमें 850 पेटी एक्सफ सिरप और 300 पेटी फेंसेडिल सिरप की थीं। ये सभी नशे के लिए गुवाहाटी तस्करी की जा रही थीं। कफ सिरप सिंडीकेट की गहनता से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी की इन करतूतों के बाद कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही कंपनी को नोटिस भेजकर सिंडीकेट की फर्मों को सिरप की आपूर्ति का आर्डर देने वाले अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा।
जांच में सामने आया कि विभोर राणा के करीबी अभिषेक शर्मा की दिल्ली की फर्म एबी फॉर्मास्युटिकल्स और शुभम जायसवाल की रांची की फर्म शैली ट्रेडर्स को दिया जाने वाला फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी कर बांग्लादेश भेजा जा रहा था। इसकी पुष्टि के बाद सिरप का निर्माण हिमाचल प्रदेश के बद्दी में कंपनी ने उत्पादन दिसंबर, 2024 से बंद कर दिया। ईडी के अधिकारी कंपनी ने 10 वर्षों में कितने सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाए इसकी जांच कर रहे हैं।
