शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में अवैध मस्जिद को लेकर तनाव चरम पर पहुंच गया है। देवभूमि संघर्ष समिति पिछले दस दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही है और अब उसने साफ ऐलान कर दिया है कि शुक्रवार को इस विवादित ढांचे में कोई भी नमाजी कदम नहीं रख पाएगा।
शस्त्र पूजा कर संगठन ने दिखाया कड़ा तेवर
गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने संजौली चौक में खुलेआम शस्त्र पूजा की और संकल्प लिया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद चल रही नमाज को हर हाल में रोका जाएगा। संगठन के नेताओं ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए वे कल मस्जिद की ओर न आएं।
“बैठक फेल हुई तो आंदोलन और तेज़ होगा” – विजय शर्मा
देवभूमि संघर्ष समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा ने कहा, “हम 29 नवंबर को प्रशासन के साथ होने वाली बैठक का इंतज़ार कर रहे हैं। अगर वहाँ कोई ठोस और सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ तो हम अपना आंदोलन कई गुना तेज़ कर देंगे। अदालत ने स्पष्ट रूप से पूरे ढांचे को अवैध ठहराया है और ध्वस्त करने का आदेश दिया है, फिर भी वहाँ नमाज़ पढ़ी जा रही है – यह कानून का खुला उल्लंघन है।”
क्या है पूरा मामला?
शिमला की जिला अदालत ने हाल ही में नगर निगम आयुक्त कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें संजौली मस्जिद की चार मंज़िलों सहित पूरा ढांचा अवैध घोषित किया गया था। संगठन की मांग है कि मस्जिद को तुरंत सील किया जाए, बिजली-पानी काटा जाए और कोर्ट के आदेश के मुताबिक इसे शीघ्र ध्वस्त किया जाए।
