मुख्यमंत्री योगी के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि उप्र. घरेलू पर्यटन में देश में प्रथम और विदेशी पर्यटकों के मामले में चौथे स्थान पर है। विभाग इस वर्ष पर्यटक आगमन में नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है। महाकुंभ-2025 और 2019 के कुंभ की याद दिलाते हुए उन्होंने कॉरपोरेट साझेदारी, हाईवे-एक्सप्रेसवे पर वे-सेड सुविधाओं के विकास, सस्टेनेबल टूरिज्म और प्रशिक्षित मानव संसाधन पर बल दिया।
अवनीश अवस्थी गुरुवार को योजना भवन में उप्र. को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने, अधिक निवेश आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने विषयक ‘उत्तर प्रदेश @ 2047’ उच्चस्तरीय कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि प्राप्त सुझावों को परीक्षण के बाद पर्यटन विकास रोडमैप में शामिल किया जाएगा। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में हवाई, रेल और सड़क कनेक्टिविटी के विस्तार से यूपी में पर्यटन तेजी से बढ़ा है। बेहतर कानून-व्यवस्था ने भी आगंतुकों को आकर्षित किया है। उन्होंने महाकुंभ–2025 के 45 दिनों में 65 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को उपलब्धि बताया है। वहीं, लखनऊ को यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी का दर्जा मिलना प्रदेश की सांस्कृतिक और विरासत की अंतरराष्ट्रीय पहचान बताया है।
महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार ने स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और समावेशी विकास पर जोर दिया। स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन के सीईओ मनोज कुमार सिंह ने केरल मॉडल पर वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई। यूपीएसटीडीसी के एमडी आशीष कुमार ने बताया कि पर्यटन पैकेजों को लंबे प्रवास और सांस्कृतिक गतिविधियों के अनुरूप पुनः डिज़ाइन किया जा रहा है। ईको-टूरिज्म निदेशक पुष्प कुमार ने दुधवा, पीलीभीत और कतर्नियाघाट को मॉडल साइटों के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने की प्रक्रिया जारी है।
कार्यशाला में पर्यटन से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, नीति आयोग, राज्य परिवर्तन आयोग तथा राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
