वाशिंगटन। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में तैनात वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के दो सदस्यों को बुधवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस से महज कुछ दूरी पर गोली मार दी गयी। वाशिंगटन की मेयर मयूरियल बाउजर ने इसे एक सुनियोजित हमला बताया है। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल और बाउजर ने कहा कि नेशनल गार्ड के दोनों सदस्यों की हालत गंभीर है, उनका उपचार किया जा रहा है।
अमेरिका की राजधानी में नेशनल गार्ड की मौजूदगी महीनों से विवाद का मुद्दा बनी हुई है, जिससे अदालत में कानूनी लड़ाई और सार्वजनिक नीति पर व्यापक बहस छिड़ गई है। यह विवाद बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा सेना का इस्तेमाल किए जाने से जुड़ा है।
हमले के पीछे के मकसद अबतक साफ नहीं
वाशिंगटन पुलिस के कार्यकारी सहायक प्रमुख जेफरी कैरोल ने कहा कि जांचकर्ताओं को अभी हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं चला है। उन्होंने बताया कि हमलावर एक ‘‘कोने से आया’’ और वीडियो फुटेज के अनुसार उसने सैनिकों को देखते ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मॉरिसी ने शुरुआत में कहा था कि सैनिकों की मौत हो गई है, लेकिन बाद में उन्होंने बयान वापस लेते हुए कहा कि उनके कार्यालय को ‘‘परस्पर विरोधाभासी खबरें’’ मिल रही हैं।
एक संदिग्ध को भी लगी गोली
एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए एक संदिग्ध को भी गोली लगी है लेकिन ऐसा बताया गया है कि उसकी चोटें जानलेवा नहीं हैं। गोलीबारी के बाद ट्रंप प्रशासन ने तुरंत 500 और नेशनल गार्ड सदस्यों को वाशिंगटन भेजने का आदेश दिया है। रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें अतिरिक्त सैनिक भेजने के लिए कहा है।
