मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई एक छोटी मुलाकात ने कानपुर की 20 वर्षीय मूक-बधिर लड़की खुशी की जिंदगी में वाकई खुशियां भर दीं हैं। योगी आदित्यनाथ स्वयं आगे बढ़कर एक मासूम बच्ची का सहारा बने, उसका दर्द समझा और उसके भविष्य को संवारने का वचन दिया है।
कानपुर के ग्वालटोली अहरानी निवासी खुशी अपने पिता कल्लू गुप्ता, माता गीता गुप्ता और भाई जगत गुप्ता के साथ 26 नवंबर को लखनऊ पहुंची। पिता कल्लू गुप्ता पहले संविदा पर गार्ड की नौकरी करते थे, जो अब छूट चुकी है। मां गीता गुप्ता घरों में काम करके परिवार का खर्च उठाती हैं।
चित्र बनाने की शौकीन खुशी अपने मुख्यमंत्री को वह चित्र देना चाहती थी, जिसे उसने स्वयं बनाया था। बीते दिनों वह कानपुर से पैदल निकली और यहां पहुंचने के बाद वह रास्ता भटक गई। मुख्यमंत्री से मिलने की लालसा लिए खुशी लोकभवन के बाहर बैठकर रोने लगी। हजरतगंज पुलिस ने उसे संभाला और परिवार को उसकी सूचना दी। इससे पूर्व पिता ने स्थानीय थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
जब मुख्यमंत्री को खुशी की यह कहानी पता चली तो उन्होंने इसका संज्ञान लेते हुए तुरंत उसके परिवार को अपने आवास पर बुलाने के निर्देश दिए। योगी आदित्यनाथ ने उसके लिए कानपुर स्थित मूकबधिर कॉलेज में शिक्षा की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया। साथ ही उसकी पढ़ाई और स्किल डेवलपमेंट में सहायक मोबाइल और टैबलेट भी उपलब्ध कराया गया।
राज्य सरकार की ओर से खुशी के कान के इलाज की भी व्यवस्था की जा रही है। खुशी के परिवार के लिए आवास की व्यवस्था का भी आश्वासन प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया है। सरकार द्वारा प्राप्त सहायता और सहायता के आश्वासन से पूरा परिवार प्रसन्नता से भर गया है।
