राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा संविधान निर्माण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया

Lucknow

(www.arya-tv.com)दयानन्द वैदिक कॉलेज, उरई (जालौन) के राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा संविधान निर्माण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत राजनीति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ. नमो नारायण, महाविद्यालय के मुख्य अनुशासन अधिकारी डॉ. गौरव यादव, और इतिहास विभाग के प्रभारी डॉ. पंकज कुमार सिंह द्वारा की गई।

कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन उपस्थित विद्यार्थियों के द्वारा कराया गया। तत्पश्चात विद्यार्थियों के द्वारा संविधान के मूल्यों और सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिवर्तन में संविधान की भूमिका पर विचारों का प्रस्तुतीकरण दिया गया। एम.ए. तृतीय सेमेस्टर के छात्र जय हिंद ने संविधान के निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि संविधान के लागू होने के 75 वें वर्ष में संविधान की भूमिका महत्वपूर्ण बदलावों को दर्शाता है। बीए प्रथम सेमेस्टर की छात्रा लक्ष्मी ने बताया कि संविधान की प्रस्तावना में संविधान के उद्देश्यों को स्पष्ट किया गया है। इन्हीं उद्देश्यों की प्रतिपूर्ति के लिए लिए संविधान में प्रावधान है।

डॉ. पंकज सिंह ने संविधान के निर्माण में संविधान सभा और डॉ. बी. आर. अंबेडकर के योगदान को रेखांकित किया। डॉ. नमो नारायण ने बताया कि भारत के संविधान ने भारत में संविधानवाद को मजबूत किया है जबकि भारत के पड़ोसी देशों में संविधान और संविधानवाद दोनों कमजोर साबित हुआ है इसलिए वहां लोकतांत्रिक मुख्य मजबूत नहीं हो सके। अनुच्छेद 14 के विधि के समक्ष समता और विधि का अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार व अनुच्छेद 32, 226 में दिए गए रिट के अधिकार के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

डॉ. गौरव यादव ने बताया कि सन् 2015 को तत्कालीन भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ मनाने की घोषणा की गई थी। उन्होंने बताया कि संविधान सीमित सरकार का परिचायक है। संविधान सरकार की सीमाओं का निर्धारण करता है; सरकार को मनमानी करने से रोकता है। कोई भी राजनीतिक दल सत्ता पक्ष में हो संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया और इस दौरान संविधान में बड़े बदलाव किए गए जिसे जनता ने स्वीकार नही किया और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व उनकी पार्टी 1977 के लोकसभा के आम चुनाव में बुरी तरह से हार गई। संविधान दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र – छात्राओं की सहभागिता रही।