लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के विशेषज्ञ मलेरिया जैसी बीमारी से निपटने के लिए 17 जिलों के लैब तकनीशियनों को मलेरिया माइक्रोस्कोपी का प्रशिक्षण देगा। यह प्रशिक्षण माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा 26 नवंबर से 23 दिसंबर 2025 तक दिया जाएगा। माइक्रोबायोलॉजी एवं संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख प्रो. रुंगमेई एस. के. मारक ने बताया कि कार्यक्रम चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ महानिदेशालय, उत्तर प्रदेश के सहयोग से संचालित होगा तथा इसे गोदरेज कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड (जीसीपीएल) द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है। पाथ-सीएचआरआई इस पहल का तकनीकी साझेदार है।
विभाग के डॉ. अवधेश कुमार और डॉ. तस्नीम सिद्दीकी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य प्रयोगशाला तकनीशियनों को उच्च गुणवत्ता वाली माइक्रोस्कोपी के माध्यम से मलेरिया परजीवी की सटीक पहचान के उन्नत कौशल से लैस करना है, जो अब भी मलेरिया निदान का स्वर्ण मानक माना जाता है।
प्रशिक्षण में स्मीयर तैयारी, गिमेसा स्टेनिंग, परजीवी का डिटेक्शन, प्रजाति-स्तर की पहचान, गुणवत्ता नियंत्रण और सामान्य नैदानिक त्रुटियों से बचाव पर विशेष जोर दिया जाएगा। प्रतिभागियों की क्षमता का आकलन प्रशिक्षण-पूर्व एवं प्रशिक्षण-पश्चात मूल्यांकन के माध्यम से किया जाएगा।
