इथियोपिया में हजारों साल से बंद ज्वालामुखी फट गया है। इससे निकला राख का गुबार भारत की ओर आ गया है। राख के गुबार में सल्फर डाइऑक्साइड कांच और चट्टान के छोटे कण मौजूद हैं।
अफ्रीकी देश इथियोपिया के उत्तरी हिस्से में हजारों सालों से निष्क्रिय ज्वालामुखी हेली गुब्बी फट गया है। इस विस्फोट के कारण बड़े स्तर पर राख का गुबार फैल रहा है। अब जानकारी सामने आई है कि ज्वालामुखी से निकला राख का गुबार भारत की ओर आ गया है। इथियोपिया के हेयली गुब्बी ज्वालामुखी से राख का एक बादल दिल्ली तक पहुंच गया है। इस कारण उड़ानें रद्द कर दी गई हैं और आसमान में भी इसका असर दिख रहा है।
इन राज्यों नें घुसा राख का गुबार
इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद उठी राख का विशाल बादल 25,000-45,000 फीट की ऊंचाई पर भारत तक पहुंच गया है, जिससे दिल्ली, राजस्थान और उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में इसका असर दिखने लगा है। राजधानी दिल्ली में कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया और जहरीला स्मॉग छा गया है। आनंद विहार, एम्स और सफदरजंग के आसपास दृश्यता कम हो गई है। ज्वालामुखी राख के कारण अकासा एयर, इंडिगो और कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रूट बदले गए हैं, कुछ उड़ानें रद्द भी हुई हैं।
गहरा और धुंधला दिख सकता है आसमान
जानकारी के मुताबिक, ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद वायुमंडल में फैला राख का गुबार 100-120 किमी/घंटा की गति से उत्तर भारत की ओर आया है। यह 15,000-25,000 फीट से लेकर 45,000 फीट तक की ऊंचाई पर आगे बढ़ रहा है और इसमें ज्वालामुखी की राख, सल्फर डाइऑक्साइड और कांच और चट्टान के छोटे कण मौजूद हैं। ये भी चेतावनी दी गई है कि राख के कारण आसमान सामान्य से ज्यादा गहरा और धुंधला दिखाई दे सकता है।
हवाई यात्रा पर असर पड़ने की संभावना
इथियोपिया में हेयली गुबिन ज्वालामुखी के फटने से हवाई यात्रा पर असर पड़ने की संभावना है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस को एडवाइजरी जारी की है और इथियोपिया के हेयली गुबिन विस्फोट के बाद ज्वालामुखी की राख से प्रभावित ऊंचाई और क्षेत्रों से बचने के लिए कहा है। एयरपोर्ट्स को को कंटेमिनेशन के लिए रनवे का निरीक्षण करने और जरूरत पड़ने पर परिचालन निलंबित करने को कहा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सतह पर हवा की गुणवत्ता पर ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन ऊंचाई पर उड़ानों पर इसका खतरा बना रहेगा।
