उत्तर प्रदेश में जिलाधिकारी अब वोटर लिस्ट या चुनाव आयोग के कामकाज को लेकर फैली अफवाह पर सीधे नजर रखेंगे। चुनाव आयोग ने जिलाधिकारियों से उम्मीद की है कि वे स्वयं और अपनी एक सोशल मीडिया टीम बनाकर ऐसी अफवाहों पर नजर रखें ताकि आमजन मानस के बीच चुनावी प्रकिया को लेकर कोई गलत संदेश प्रसारित न हो।
अगर ऐसा कोई संदेश चल भी जाए तो न केवल उसे प्रसारित करने वाले पर कार्रवाई हो बल्कि डीमए अपने एक्स अकाउंट से उस अफवाह का खंडन कर बताएं कि वास्तविक स्थिति क्या है। वहीं दूसरी ओर राज्य में राजनैतिक दलों के भी 04 लाख से अधिक बीएलए एसआईआर पर नजर रखने को तैनात खड़े हैं।
इस बीच ताजा अपडेट यह है कि उत्तर प्रदेश में अभी तक 3 करोड़ से अधिक गणना प्रपत्रों का संग्रह एवं डिजिटाइजेशन का कार्य बीएलओ कर चुके हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के मुताबिक, प्रदेशभर के जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश हैं कि वे यह सुनिश्चित कर लें कि उनके जिले के सभी गावों के सभी मजरों में और नगरीय क्षेत्रों में मोहल्लों, कॉलोनियों और बस्तियों में रहने वाले प्रत्येक मतदाता को गणना पत्र अवश्य उपलब्ध करा दिया जाए। विभिन्न स्रोतों से जिला निर्वाचन अधिकारी यह फीडबैक लें की उनके ज़िले का कोई भौगोलिक क्षेत्र बीएलओ के भ्रमण से छूट न गया हो।
दरअसल, नगरीय क्षेत्रों में अकसर बीएलओ स्थानीय कर्मचारी नहीं होता है इसलिए नगरीय क्षेत्रों में बीएलओ का काम ग्रामीण क्षेत्रों के मुक़ाबले कठिन होता है। ऐसी स्थिति में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों से उम्मीद की गई है कि वे भी अपने क्षेत्र के बीएलओ के साथ सहयोग करें। उन्होंने बताया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं नगर इतना ही नहीं अधिक से अधिक हेल्प डेस्क संचालित करने के निर्देश हैं ताकि कॉन्टैक्ट सेंटर और हेल्प डेस्क पर एसआईआर प्रक्रिया से पूरी तरह भिज्ञ एवं प्रशिक्षित कर्मी मौजूद रहें।
