दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार धमाके का सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश से जुड़ रहा है। जांच एजेंसियों ने कड़ियां जोड़ते हुए इस मामले में यूपी से पांच डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। जांच में आतंक का खौफनाक ”डॉक्टर मॉड्यूल” सामने आया। धमाके की मास्टरमाइंड डॉ. शाहीन भी लखनऊ में पकड़ी गई। उसके भाई डॉ. परवेज से जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। एजेंसियां अपनी टीमें लगाकर इस माड्यूल की कुंडली खंगलाने में जुटी हैं। इस मामले में यूपी से गिरफ्तार पांच में तीन का सीधा कनेक्शन लखनऊ से हैं। उनके करीबियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
देश के किसी भी कोने में आतंकी हमला हो। इसमें कोई संगठन सिमी, इंडियन मुजाहिदीन व पीएफआई शामिल हो। हर बार आतंकवाद का कनेक्शन यूपी से जरूर जुड़ा है। इस बार कुछ अलग तरीके से हाईएजुकेटेड युवकों के नाम आतंकी कारस्तानी में सामने आया है। जांच एजेंसियों और सुरक्षा एजेंसियों के सामने भी बड़ा सवाल यही है कि क्या 2020 के दशक में देश में नया कट्टर पंथी संगठन तो सक्रिय नहीं हो गया। जो आम कॉलेज और यूनिवर्सिटी इतर मेडिकल क्षेत्र में काम करने वालों को टारगेट कर रहा।
भाई-बहन समेत पांच डॉक्टर गिरफ्तार
सुरक्षा एजेंसी एटीएस व जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस धमाके में यूपी से भाई-बहन समेत पांच डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। जिनका नाम इस धमाके में सामने आया। महिला डॉ. शाहीन शाहिद इसकी मास्टर माइंड बताई जा रही है। इस मामले में पहली गिरफ्तार सहारनपुर से हुई। यह गिरफ्तारी जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर के जरिये हुई। जम्मू कश्मीर पुलिस ने एटीएस की मदद 6 नवंबर को डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया। वह सहारनपुर के एक अस्पताल में नौकरी कर रहा था। वहीं, डॉ. आदिल के कुबूलनामे के बाद डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसाइब, उसकी गर्लफ्रेंड डॉ. शाहीन शाहिद और डॉ. उमर भी जुड़े हैं। डॉ. मुजम्मिल, हरियाणा के फरीदाबाद में रहता है और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर है। यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर है। डॉ. मुजम्मिल व डॉ. शाहीन के पास से दो एके-47 रायफल बरामद हुई।
लखनऊ से डॉ. शाहीन के भाई परवेज को पकड़ा
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच का दायरा बढ़ा तो कई नाम सामने आये। पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ से मिले इनपुट के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम ने लखनऊ के खंदारी बाजार व आईआईएम रोड के मुतक्कीपुर में छापेमारी की। इस दौरान इंटीग्रल यूनिवर्सिट का एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. परवेज को 7 नवंबर को गिरफ्तार किया गया। डॉ. परवेज पहले गिरफ्तार हो चुकी डॉ. शाहीन का भाई है। उसने बम धमाके के तीन दिन पूर्व यूनिवर्सिटी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कानपुर से डॉ. आरिफ को गिरफ्तार किया गया। आरिफ लखनऊ के एसजीपीजीआई में प्रवेश न लेकर कानपुर मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में पढ़ाई कर रहा था। वह मूलरुप से जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है। वहीं हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज में गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. फारूख को गिरफ्तार किया गया। उसने डॉ. शाहीन जिस अल-फलाह में प्रोफेसर थी वहां से एमडी की पढ़ाई की थी। फारूख मूलरुप से जम्मू-कश्मीर के बडगाम स्थित मीरिपुरा का रहने वाला है।
डायरी में मिले कोड वर्ड को डिकोड करने में जुटी एजेंसियां
लाल किला बम धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इनपुट के आधार पर कई जगह छापेमारी की। इस दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टरों डॉ. उमर मोहम्मद उर्फ उमर उन नबी और डॉ. मुजम्मिल शकील गनई के कमरों से कई डायरियां मिली। इनमें कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करके आतंकी साजिश की प्लानिंग लिखी मिली है। यह छापेमारी 12-13 नवंबर 2025 को दिल्ली लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार ब्लास्ट से जुड़ी जांच के दौरान की गई। डायरी में नाम, तारीख, जगह और ऑपरेशन को कोड्स में लिखा गया था, ताकि बिना डिकोडिंग के समझ न आएं। जांच एजेंसियां इन कोड वर्ड को डीकोड करने में जुटी हैं। इसके लिए विशेषज्ञों का सहयोग ले रही हैं।
