एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार दोपहर बड़ी कार्रवाई करते हुए अमेठी जिले के संग्रामपुर थाने में तैनात उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया। टीम ने फिनिक्स प्लासियो मॉल के गेट नंबर-7 के बाहर दरोगा को खींचकर गाड़ी में बैठाया और सुशांत गोल्फ सिटी थाने ले जाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज करायी।
एंटी करप्शन की टीम के दरोगा त्रिभुवन प्रसाद वर्मा ने बताया कि आरोपी कर्मवीर सिंह संग्रामपुर थाने में दर्ज एक पुराने मुकदमे में ‘फाइनल रिपोर्ट’ लगाने के नाम पर 30 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। पीड़ित व्यवसायी गंगाराम ने उसकी शिकायत एंटी करप्शन मुख्यालय में की थी। शिकायत के साथ उसने दरोगा की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी थी।
मूल रूप से सीतापुर के मिश्रिख क्षेत्र के मानिकपुर निवासी कर्मवीर सिंह कुछ माह पहले तक कमरौली थाने में तैनात था। वहीं भेल निवासी व्यवसायी गंगाराम के पेट्रोल पंप की जमीन को लेकर हुए विवाद के मामले की विवेचना उसके पास थी। गंगाराम ने बताया कि दोनों पक्ष समझौते पर राजी थे, लेकिन विवेचक कर्मवीर सिंह एफआर लगाने के नाम पर लगातार रुपये की मांग करता रहा। कमरौली से तबादले के बाद भी वह फोन पर धमकाता और घूस की मांग करता था।
एंटी करप्शन मुख्यालय ने शिकायत की पुष्टि के बाद ट्रैप टीम गठित की। टीम ने गुरुवार को व्यवसायी गंगाराम को 30 हजार रुपये लेकर फिनिक्स प्लासियो मॉल गेट नंबर-7 पर भेजा। तय समय पर वहां पहुंचे उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह ने जैसे ही रुपये लिए, एंटी करप्शन टीम ने उन्हें पकड़ लिया। टीम ने मौके से रुपये बरामद कर आरोपी को खींचकर सरकारी वाहन में बैठाया और पूछताछ के लिए थाने ले गई।
छुट्टी पर थे, फिर भी घूस लेने पहुंचे सीतापुर से
सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस के अनुसार, उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह उस समय छुट्टी पर अपने पैतृक गांव सीतापुर गए थे। इसके बावजूद वह लगातार व्यवसायी को फोन कर रुपये देने का दबाव बना रहे थे। व्यवसायी ने ट्रैप टीम को सूचना दी और तय योजना के तहत दरोगा को लखनऊ बुलाया। छुट्टी पर होने के बावजूद कर्मवीर कार से प्लासियो मॉल पहुंचे और जैसे ही रुपये लिए, टीम ने उन्हें धर दबोचा।
