दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास बम धमाका मामले में लखनऊ के भाई-बहन का नाम जुड़ने क बाद एटीएस ने दाेनों के रिकार्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को एटीएस ने डॉ. शाहीन शाहिद के पूर्व कॉलेज लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज में शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की। टीम प्रदेश की स्थानों व संस्थानों की जांच कर रही है, जहां डॉ. शाहीन ने काम किया या रहीं।
एटीएस के अधिकारी के मुताबिक लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज डॉ. शाहीन सईद के पैतृक निवास कैसरबाग खंदारी बाजार से महज आधा किमी की दूरी पर ही है। एटीएस की टीम गुरुवार 11 बजे लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज पहुंची। वहां डॉ. शाहीन के शैक्षणिक रिकॉर्ड को खंगाला। एटीएस ने कुछ पुरानी शिक्षिकाओं से शाहीन के बारे में पूछताछ की। डॉ. शाहीन सईद ने लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 1995 में इंटर पास किया था। प्रिंसिपल एन. श्रीवास्तव ने बताया कि उसकी पुरानी मार्कशीट देखी तो यह पता चला कि वो पढ़ाई में तेज थी। शाहीन के आतंकवादी गुट से संबंध सामने आने पर स्कूल का नाम खराब हो रहा है। जांच में सामने आया कि पिछले करीब डेढ़ वर्ष से डॉ. शाहीन ने परिवार से संपर्क खत्म कर लिया था। एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया कि डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी थी। इसी संगठन का नाम दिल्ली बम धमाकों के पीछे है। डॉ. शाहीन नेलालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में टॉप किया था। इसके बाद प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। उसने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति पाई थी।
तीन वर्ष से डॉ. मुजम्मिल के साथ थी डॉ. शाहीन
जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन के नाम पर पंजीकृत कार से एक रूसी असॉल्ट राइफल और कारतूस बरामद हुआ था। इसका प्रयोग डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई ने किया था। डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई को हरियाणा के फरीदाबाद से पकड़ा गया। बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डॉ. शाहीन बीते तीन वर्ष से डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई के साथ रह रही थी। एटीएस की जांच में सामने आया है कि डॉ. शाहीन को भारत में जैश-ए-मोहम्मद के महिला संगठन जमात-उल-मोमिनीन की कमान सौंपने का जिम्मा दिया गया था।
