20 दिन में होंगी 20 हजार शादियां… बैंड-बाजे, गेस्ट हाउस फुल, कैटर्स और इवेंट वालों की बढ़ी मांग

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शहनाइयों की गूंज और सजावट की रौनक से शहर में एक बार फिर से विवाह सीजन की शुरुआत होने वाली है। शहर में 17 नवंबर से 6 दिसंबर यानी कुल 20 दिनों की सहालग में 20 हजार जोड़े विवाह के शुभ मुहूर्त में गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे। इतनी शादियां देख बाजारों में तो रौनक है ही, वैवाहिक समारोहों से जुडे़ गेस्ट हाउस, डीजे तक फुल हो गए हैं। इवेंट का जोर है।

टेंट कैटर्स एंड डेकोरेशन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार के अनुसार इस बार प्रतिदिन औसतन 1,500 विवाह समारोह होंगे। सीमित शुभ तिथियों के कारण गेस्ट हाउस, कैटर्स, टेंट और डेकोरेशन की मांग कई गुना बढ़ गई है। अधिकतर प्रतिष्ठान पहले से ही बुक हो चुके हैं और विभिन्न व्यवस्थाओं के दामों में 15 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है।

डिजाइनर और थीम आधारित स्टेज सजाना है तो तीन लाख तक चाहिए

-फूलों से सजे स्टेज की खास तैयारी

शादी के स्टेज सजाने वाले डेकोरेटर सात्विक के अनुसार, सजावट में इस बार पारंपरिक और विदेशी फूलों का संगम देखने को मिलेगा। इनमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा, ऑर्किड, लिली, चमेली, पियोनी, और हाइड्रेंजिया जैसे फूलों का उपयोग किया जा रहा है। इन फूलों को उनके रंग, सुगंध और सांस्कृतिक महत्व के आधार पर चुना जाता है। स्टेज सजावट की कीमत 25,000 से लेकर 3 लाख रुपये तक पहुच रही है, जो डिजाइन और थीम पर निर्भर करती है। जो बहुत बड़ा खर्च है।

धुएं के बीच से गुजरती दुल्हन खर्च 25000 से दो लाख

शादियों को यादगार बनाने के लिए लोग अब थीम-बेस्ड वरमाला इवेंट्स पर अधिक खर्च कर रहे हैं। इवेंट आयोजक प्रदीप शर्मा ने बताया कि धुएं के बीच से आती दुल्हन, रथ पर सवार होकर आती दुल्हन, आकाश में वरमाला और रामायण थीम जैसे कॉन्सेप्ट्स की मांग सबसे ज्यादा है। इन थीम्स की लोकप्रियता के कारण इवेंट मैनेजमेंट इंडस्ट्री में बुकिंग कई गुना बढ़ गई है और औसतन हर कार्यक्रम पर 50,000 से 2 लाख रुपये तक खर्च किया जा रहा है।

बाजार की आर्थिकी भी भरेगी रफ्तार

लगभग 20 हजार शादियों से व्यापार गति पकडे़गा। इससे न केवल होटल, कैटरिंग और सजावट उद्योग को फायदा होगा, बल्कि लाइटिंग, साउंड, ट्रांसपोर्ट, वाहन, कपड़ा और ज्वैलरी समेत तमाम बाजारों की आर्थिकी भी रफ्तार भरेगी।