प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लखनऊ स्थित लाला जुगल किशोर लिमिटेड की लगभग 250 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त कर लिया है। जांच एजेंसी का कहना है कि कंपनी ने रोहतास ग्रुप से सांठगांठ करके निवेशकों की ठगी से जुड़ी धनराशि से ये संपत्तियां खरीदी थीं। ईडी की कार्रवाई में जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, वे राजधानी के सुल्तानपुर रोड, सीतापुर रोड और बाराबंकी रोड जैसे प्रमुख इलाकों में स्थित हैं।
इनमें से एक भूखंड पर अधूरे आवासीय फ्लैट भी बनाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, रोहतास ग्रुप के खिलाफ वर्ष 2019 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई से पहले इन जमीनों को कम कीमत पर लाला जुगल किशोर लिमिटेड के नाम कर दिया गया था। बताया गया है कि करीब ₹18 से ₹20 करोड़ रुपये के लेन-देन में इन संपत्तियों का स्वामित्व हस्तांतरित हुआ, जबकि उनकी वास्तविक बाजार कीमत कई गुना अधिक थी।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि इस सौदे में कंपनी से जुड़े अर्पित रस्तोगी का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। एजेंसी अब फंड ट्रेल, लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़ों और बैंकिंग रिकॉर्ड की जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई रोहतास ग्रुप के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है, जिसमें निवेशकों के सैकड़ों करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। ईडी का मानना है कि लाला जुगल किशोर लिमिटेड ने इस अवैध धन को अचल संपत्तियों में निवेश कर वैध दिखाने की कोशिश की थी।
