भारत-नेपाल के बीच आवागमन का एक नया रास्ता खुलने जा रहा है। इस इंटरनेशनल गेट पर करीब 54 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शासन ने 1.22 करोड़ का बजट मंजूर कर दिया है। दोनों देशों के बीच एक अधिकृत रास्ता खुलने से कारोबार को पंख लगेंगे। इसे सीमावर्ती बहराइच के लोग बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रहे हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर ये इंटरनेशनल गेट मिहींपुरवा के रज्जनवा में बनेगा। बहराइच में अभी बॉर्डर पर एक गेट रुपईडीहा में है। दूसरा गेट बनने से दोनों देशों के बीच आवागमन और सुगम होगा। यूपी शासन के अनुसचिव अभय प्रताप श्रीवास्तव के हवाले से लोक निर्माण विभाग को इस संबंध में आदेश जारी किया गया था।
रज्जनपुरवा में अधिकृत अंतरराष्ट्रीय प्रवेश द्वार बनने से इलाके के लोगों में खुशी है। बहराइच में दोनों देशों का बॉर्डर करीब 116 किलोमीटर का है। स्थानीय अधिकारियों के हवाले से कहा जा रहा है कि दिसंबर तक निर्माण कार्य प्रारंभव होने की संभावना है।
स्थानीय लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, ये इंटरनेशनल गेट सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) चौकी के निकट बनाया जाएगा। भारतीय क्षेत्र में पहले ही सड़क बनी है। नेपाल क्षेत्र में निर्माण कार्य भी लगभग पूरा है। गेट बनने के बाद बहराइच में दोनों देशों के बीच आने-जाने का ये दूसरा अधिकारिक रास्ता बन जाएगा।
दोनों देशों के बीच गहरा रिश्ता
भारत-नेपाल के रिश्तों की बात करें तो दोनों देशों के संबंध हमेशा से सदाबहार रहे हैं। यहां तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तो ये रोटी-बेटी का नाता माना जाता है। यहां दोनों मुल्कों के बीच वैवाहिक संबंध हैं। सांस्कृतिक जुड़ाव है। इसके साथ ही कारोबारी संबंध भी हैं। अब एक और गेट बनने से इनके बीच का रिश्ता और मधुर होगा। क्योंकि निर्वाध तरीके से लोग एक-दूसरे के यहां अधिकारिक रास्ते से आ-जा सकेंगे।
मजबूत होगी सीमा सुरक्षा
इस सबके अलावा दोनों देशों के बीच सुरक्षा तंत्र भी मजबूत होगा। स्थानीय स्तर पर पर्यटन और छोटे व्यवासिक प्रतिष्ठान भी लाभान्वित होंगे। यही कारण है कि इस फैसले से मिंहीपुरवा क्षेत्र में खुशी है।
