लखनऊ जिला कारागार में भाई दूज के अवसर पर बड़ी संख्या में बहनें बंदी भाइयों से मिलने पहुंचीं। भाइयों को टीका लगाकर बहनों के आंसू छलक आए। बहनों ने लंबी उम्र की कामना करते हुए सलाखों से जल्द आजाद होने की प्राथना की।जेलर ऋतिक प्रियदर्शी ने बताया कि आज एक विशेष दिन है क्योंकि साल में केवल दो दिन होते हैं रक्षा बंधन और भाई दूज, जब खुली बैठक की अनुमति दी जाती है। इन अवसरों के अलावा मीटिंग आमतौर पर प्रतिबंधों के तहत होती हैं। गुरुवार को भाई दूज के अवसर पर करीब तीन हजार महिलाएं, बहनें और बच्चे जेल में बंद अपने भाइयों से मिलने पहुंची।
खुली मुलाकात पर जेल प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन के लिए कई काउंटर बनवाए थे। कारागार के बाहर हेल्प डेस्क, स्वल्पाहार और स्वास्थ्य शिविर की भी व्यवस्था की गयी। महिलाओं के लिए रोली, टीका और मिठाई की व्यवस्था की गयी थी। सघन तलाशी के बाद बहनों और बच्चों को जेल में प्रवेश दिया गया। जेलर ने बताया कि भाई दूज पर 2183 बंदियों से 3332 महिलाओं और 1187 बच्चों ने मुलाकात की। इस दौरान वरिष्ठ उपनिरीक्षक उमाशंकर सिंह की अगुवाई में सौ से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात रहे।
