आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ में वेद वेदांग के ज्ञाता , उच्च कोटि के विद्वान धर्मात्मा व पुरुषोत्तम श्री राम जी के आदर्श चरित्र कि रामायण के रूप में कलमबद्ध करके सनातन वेदिक संस्कृतिके रक्षा करने वाले सम्पूर्ण मानवता को धर्म ,त्याग और कर्तव्य की सीख देने वाले महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के शुभ अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि वाल्मीकि जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह ने वाल्मीकि जी के आदर्शों और सामाजिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के आदिकवि ही नहीं, बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे। उनका जीवन यह सिखाता है कि परिवर्तन हमेशा संभव है , बस आत्मचिंतन और सच्चे मार्ग पर चलने की जरूरत होती है। रामायण जैसे कालजयी ग्रंथ की रचना कर उन्होंने पूरे विश्व को धर्म, कर्तव्य और मर्यादा का मार्ग दिखाया।
आज की युवा पीढ़ी को वाल्मीकि जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। आर्यकुल कॉलेज में हम न केवल शिक्षा, बल्कि नैतिक मूल्यों को भी महत्व देते हैं। इस तरह के कार्यक्रम छात्रों में सांस्कृतिक चेतना और नैतिक जिम्मेदारी का विकास करते हैं।
मंच का संचालन डॉ. गौरव मिश्र द्वारा रूप किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा व प्रबंधन विभाग की प्रधानाचार्या डॉ.अंकिता अग्रवाल, फॉर्मेसी एंड रिसर्च विभाग के प्रधानाचार्य डॉ आदित्य सिंह, शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष प्रणव पाण्डेय, मैनेजमेंट संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. अब्दुल रब खान, फॉर्मेसी एंड रिसर्च विभाग के विभागाध्यक्ष बी के सिंह, स्वर्णिम श्रीवास्तव, श्वेता मिश्रा, सदब, रुकसार बानो, संगीता चौहान, महेश शर्मा, प्रशंसा सिंह, वर्तनी श्रीवास्तव, दीपिका, शिवांशी चौहान,अभिषेक राय, संगीता मौर्य व अंजलि तिवारी अन्य सभी विभागो के छात्र छात्राएं, शिक्षकगण व स्टाफ सदस्य कार्यक्रम में उपस्थित रहे । समस्त शिक्षकगण एवं स्टाफ की सक्रिय सहभागिता से कार्यक्रम सफल रहा।