GST स्लैब में हुए बदलाव के बाद लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन की एक बैठक शनिवार को हुई। मेडिसिन मार्केट में हुई इस बैठक में अहम निर्णय लिया गया, जिसका असर मरीजों की जेब पर पड़ सकता है। इस निर्णय के तहत थोक (होलसेल) से खुदरा बिक्री पर दी जाने वाली छूट अब तीन फीसदी कम कर दी जायेगी। इसके अलावा पूर्व में बेची गई दवाएं वापस नहीं ली जाएंगी, क्योंकि वह अलग-अलग जीएसटी दर से रिटेलर यानी खुदरा विक्रेता को दी गई थीं। वहीं डिस्काउंट तीन प्रतिशत होने पर रिटेलर आम मरीजों को दवा पर पहले की तरह 10 या 15 फीसदी तक छूट नहीं दे सकेगा।
लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेश शाह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप चंद्र जैन की मौजूदगी में मेडिसिन मार्केट में होलसेलर दवा व्यापारियों की बैठक हुई। हरीश शाह ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ है कि होलसेल से रिटेल की बिक्री पर दिया जाने वाला डिस्काउंट अब तीन फीसदी कम कर दिया जाएगा। जीएसटी में बदलाव की वजह से कोई भी माल वापस नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट पीरियड को अधिकतम 15 दिन तक सीमित किया गया है। वहीं लखनऊ विक्रेता समिति के महामंत्री सीएम दुबे ने कहा है कि अभी जीएसटी की दरों को लागू करने में कुछ व्यवहारिक अड़चन है इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।